पति स्वास्थ्य मंत्री, पत्नी उसी विभाग में बड़े ओहदे पर, कांग्रेस ने कहा अंधा बाँटे रेवड़ी

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की पत्नी डॉ. नीरा चौधरी को स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त संचालक बनाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं, कांग्रेस ने इस पर करारा वार करते हुए कहा, अंधा बाँटे रेवड़ी, अपने-अपने को दे

Updated: Jan 06, 2021, 12:25 AM IST

Photo Courtesy: TV9 Bharatvarsh
Photo Courtesy: TV9 Bharatvarsh

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी की पत्नी डॉ नीरा चौधरी को स्वास्थ्य विभाग में ही संयुक्त संचालक बनाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का आरोप है कि डॉ. नीरा चौधरी की नियुक्ति सिर्फ़ इसीलिए की गई है क्योंकि वे स्वास्थ्य मंत्री की पत्नी हैं। इतना ही नहीं, उन्हें नियुक्ति देने के लिए बहुत से सीनियर डॉक्टर्स की अनदेखी की गई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने स्वास्थ्य मंत्री की पत्नी को उन्हीं के विभाग में ऊँचे पद पर तैनात किए जाने पर करारा व्यंग्य किया है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फ़ैसले पर सवाल खड़ा करते हुए इसे अपने लोगों को ग़लत ढंग से फ़ायदा पहुँचाने की मिसाल बताया है। अरुण यादव ने ट्विटर पर लिखा है, “अंधा बांटे रेवड़ी फिर अपने-अपने को दे। बहुत से सीनियर डॉक्टर्स को बायपास करते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की पत्नी डॉ. नीरा चौधरी को संयुक्त संचालक बना दिया।”

 

 

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी की पत्नी को ऊँचे पद पर तैनात करने के फ़ैसले पर एतराज़ ज़ाहिर किया है। पार्टी ने इस नियुक्ति में वरिष्ठ डॉक्टरों की अनदेखी किए जाने का आरोप भी शिवराज सरकार पर लगाया है। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है, “स्वास्थ्य मंत्री ने पत्नी को बनाया संयुक्त संचालक, कई वरिष्ठ डॉक्टरों को किया बायपास। महामारी में जनादेश बेचने वाले मंत्री प्रभुराम चौधरी ने अपनी पत्नी को स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त संचालक बनाया है। शिवराज जी, शिव’राज में सबकुछ गोलमाल क्यों है ?"

दरअसल प्रभुराम चौधरी की पत्नी नीरा चौधरी पहले भोपाल में प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। लेकिन सोमवार को ही जारी एक आदेश के ज़रिए उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त संचालक बना दिया गया है। बताया जा रहा है कि नीरा चौधरी को इस पद पर बैठाने के लिए कई सीनियर डाॅक्टर्स की वरिष्ठता को नज़रअंदाज़ किया गया है।

ये पहला मौक़ा नहीं है जब नीरा चौधरी का नाम किसी विवाद में शामिल हुआ हो। इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने नीरा चौधरी की निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भोपाल में स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर तैनात नीरा चौधरी सरकारी ओहदे पर रहते हुए भी चुनाव प्रचार कर रही हैं। कांग्रेस ने इस सिलसिले में एक वीडियो भी निर्वाचन आयोग को सौंपा था। कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हुए प्रभुराम चौधरी सांची विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीतकर फिर से विधायक बने हैं।