MP में विधायक-सांसदों को सलामी देगी पुलिस, DGP के आदेश पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति
मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा सांसदों और विधायकों को सलामी देने के डीजीपी के आदेश पर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आपराधिक मामलों में शामिल नेताओं को सलामी देना पुलिस की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है।

भोपाल| मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों को सांसदों और विधायकों को सलामी देने के निर्देश पर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने डीजीपी कैलाश मकवाना को पत्र लिखकर इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि बीजेपी के 31% सांसद और विधायक आपराधिक मामलों में शामिल हैं, जिनमें से कई पर हत्या, बलात्कार, अपहरण और डकैती जैसे गंभीर आरोप हैं। इसके अलावा, मौजूदा सरकार के 12 मंत्री भी ऐसे मामलों का सामना कर रहे हैं।
पटवारी ने कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों को सलामी देना पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है। पुलिस का असली काम अपराध रोकना और जांच करना है, न कि ऐसे नेताओं का सम्मान करना, जिन पर गंभीर आरोप हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे न सिर्फ पुलिसकर्मियों पर अनावश्यक दबाव बढ़ेगा, बल्कि उनकी स्वतंत्रता और कार्यशैली भी प्रभावित होगी।
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जीतू पटवारी ने चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह के आदेश से पुलिसकर्मियों का मनोबल टूट सकता है और आम जनता का पुलिस पर भरोसा भी डगमगा सकता है। उन्होंने आग्रह किया कि इस आदेश को तुरंत रद्द किया जाए और आगे से ऐसे निर्णयों से बचा जाए जो पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं।
आपको बता दें कि डीजीपी कैलाश मकवाना ने सभी पुलिस इकाइयों को निर्देश जारी किए हैं कि सांसदों और विधायकों से मुलाकात के दौरान पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उन्हें सम्मानपूर्वक सलामी दें। उन्होंने अपने आदेश में 2004 से लेकर 2022 तक के आठ सरकारी परिपत्रों का भी उल्लेख किया है, जिनमें जनप्रतिनिधियों से शालीन व्यवहार की बात कही गई है।