छात्रवृत्ति घोटाले में MP हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, 24 करोड़ में से सिर्फ चार करोड़ की हुई है वसूली

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले से जुड़े इंदौर पीठ की सभी याचिकाओं को जबलपुर ट्रांसफर कर लिया है, इस मामले की अगली सुनवाई अब 24 अप्रैल को होगी

Publish: Apr 21, 2023, 01:38 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश में हुए 24 करोड़ के घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए बताया है कि 24 करोड़ के घोटाले में अब तक सिर्फ चार करोड़ की ही वसूली हो सकी है। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी तमाम याचिकाओं को जबलपुर में ट्रांसफर करने का फैसला कर लिया।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि हा तक उसने चार करोड़ रुपए की रिकवरी करने में सफलता हासिल की है। हाई कोर्ट ने जब राज्य सरकार से इस लेट लतीफी का कारण पूछा तब राज्य सरकार ने इंदौर खंडपीठ का हवाला देते हुए कहा कि सात कॉलेजों से की जाने वाली रिकवरी पर इंदौर खंड पीठ ने रोक लगा रखी है। इसके बाद जबलपुर हाई कोर्ट ने इंदौर खंड पीठ में लंबित सभी मामलों को मुख्य पीठ में ट्रांसफर कर लिया। 

जबलपुर मुख्य पीठ में मामलों को ट्रांसफर करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जल्द से जल्द वसूली करने और इस मामले पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दे दिए। हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अब 24 अप्रैल को करेगा। 

दरअसल मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने बताया था कि 2010-15 के बीच प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज के संचालकों ने छात्रों का फर्जी आंकड़ा पेश करते हुए करोड़ों की छात्रवृत्ति वसूल ली। 

इस मामले में 93 निजी कॉलेजों से कुल 24 करोड़ की राशि की वसूली होनी है। इनमें से अब तक सिर्फ 20 कॉलेजों से ही वसूली हो पाई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि इस लेट लतीफी के पीछे कॉलेज और अधिकारियों के बीच की मिलीभगत है।