World tribal day: रैली निकालने पर आदिवासियों पर केस

Corona Lockdown: आदिवासी नेता ने कहा सालाना आयोजन, प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने की प्रशासनिक कार्रवाई की निंदा

Updated: Aug 11, 2020, 02:41 AM IST

photo courtesy : Bhaskar
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महू। रविवार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समाज के युवाओं ने बाइक रैली निकाली। जिसके बाद पुलिस ने रविवारीय लॉकडाउन में बिना अनुमति रैली निकालने, सोशल डिस्टिंग का उल्लंघन समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस वीडियो फुटेज की रिकॉर्डिंग के जरिए लोंगों की पहचना करने में जुटी है।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आदिवासी दिवस के मौके पर टंट्या मामा की समाधि पर जाने वाले युवाओं पर मामला दर्ज करने की निंदा की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन से केस वापस लेने की मांग की है।

दिग्विजय सिंह अपने ट्वीट संदेश में लिखा है कि ’प्रशासन के इस कृत्य की मैं निंदा करता हूँ। तत्काल केस वापस लिया जाए और हमारे आदिवासी समूह के लोगों के आदर्श और आज़ादी की लड़ाई के योद्धा टंट्या मामा की समाधि पर जाने की छूट तत्काल दी जाये।

कांग्रेस नेता के खिलाफ केस दर्ज

पुलिस ने रैली में शामिल पीथमपुर के कांग्रेस नेता हेमंत हिडोले और जितेंद्र नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। कांग्रेस नेता हिडोले का कहना है कि यह कोई रैली नहीं थी, बल्कि हर साल की तरह आने वाले लोगों की भीड़ थी। जिसके बारे में प्रशासन ने पहले से ध्यान ही नहीं दिया प्रशासन चाहता तो बेहतर व्यवस्था हो सकती थी। उन्होंने कहा कि हमें हमारे गौरव का दिन खुशी से मनाने का अधिकार है। इसे छीनना गलत होगा।

रैली में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समाज की बाइक रैली में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इस रैली के लिए किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। और ना ही इसकी पूर्व सूचना दी गई थी। एक-एक बाइक में तीन-तीन लोग सवार थे। रैली में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। रैली में शामिल लोग बिना मास्क के भी नजर आ रहे थे।   

5 लोगों को टंट्या मामा के मंदिर तक जाने मिली अनुमति

पातालपानी पर स्थित आदिवासी नायक टंट्या भील के मंदिर जा रहे युवाओं को मलेंडी नाके पर रोक दिया गया था। जिसके बाद रैली में शामिल युवा विरोध में सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से आदिवासी समाज के नेताओं की काफी बहस हुई। इसके बाद पांच युवकों को मंदिर जाने की अनुमति दी गई, लेकिन मंदिर पर ताला लगा होने के कारण सभी को वापस लौटना पड़ा।

रैली में शामिल लोगों के खिलाफ दो थानों में मामला दर्ज

पुलिस प्रशासन के मुताबिक इस रैली की कोई अनुमति और पूर्व सूचना नहीं थी। रैली में कई शासकीय कर्मचारियों के शामिल होने की खबर है। नियम तोड़ने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में दो थानों में धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। रैली पीथमपुर से धार नाका होते हुए काली पलटन स्थित आंबेडकर स्मारक पहुंची थी। जहां बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को नमन करने के बाद रैली धारनाका, डोंगरगांव, आशापुरा होते हुए मलेंडी फाटा पर पहुंची थी।