40 घंटे की मशक्कत के बाद भी नहीं बची मासूम की जान, रीवा में बोरवेल में गिरे बच्चे की मौत
करीब 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूम बोरवेल के भीतर 42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला।
रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा में 160 फीट गहरे बोरवेल में फंसे मयंक को बचाया नहीं जा सका। करीब 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूम के शव को बाहर निकाला गया। वह बोरवेल के भीतर 42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मेडिकल टीम उसे लेकर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला पंचायत सीईओ सौरभ सोनवडे ने मयंक की मौत की पुष्टि की है।
रीवा में जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में 6 वर्षीय मयंक पिता विजय आदिवासी शुक्रवार दोपहर करीब 3.30 बजे से 4 बजे के बीच खुले बोरवेल में गिर गया था। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर तुरंत उसे निकालने की कोशिशें शुरू कीं। खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। NDRF और SDERF की टीमों को बुलाया गया।
मयंक को निकालने के लिए बोरवेल के पैरेलल 8 जेसीबी मशीनों से खुदाई की गई। 60 फीट से अधिक खोदने पर पानी निकल आया। इसके चलते रेस्क्यू रोकना पड़ा। पानी खाली करने के बाद ड्रिल मशीन से बोरवेल तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाई गई। सख्त मिट्टी आने पर मशीनों की जगह मैनुअली खुदाई की गई।
काम के दौरान सुरंग में दोबारा पानी निकल आया। इसे मोटर पंप से बाहर निकाला गया। इसके बाद रेस्क्यू टीम रविवार दोपहर करीब पौने एक बजे मयंक तक पहुंच पाई। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।