पेपर लीक करने वालों पर लगेगा NSA, 6 महीने नहीं होगी जमानत, 13 पर्चे लीक होने के बाद कानून बनाने की तैयारी

माध्यमिक शिक्षा मंडल की कार्यपालिका समिति की बैठक में फैसला लिया गया है कि बोर्ड परीक्षाओं के पेपर आउट करने वालों पर NSA लगाया जाएगा। 10 साल की जेल और 10 लाख का अर्थदंड भी लगाया जाएगा।

Updated: May 25, 2023, 09:57 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में पेपर लीक मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बड़ा फैसला लिया है। पर्चा आउट करने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। छात्र-छात्राओं के भविष्य से आगे खिलवाड़ ना हो, इसलिए पेपर लीक करने वालों को 10 साल की सजा होगी। वहीं 10 लाख रुपए का आर्थिक जुर्माना भी वसूला जाएगा। पेपर लीक में शामिल शिक्षकों को समय सीमा के भीतर बर्खास्त भी कर दिया जाएगा।

माध्यमिक शिक्षा मंडल की कार्यपालिका समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। मंडल द्वारा इसका विस्तृत प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इस पर जुलाई के अंतिम सप्ताह में आदेश जारी हो जाएंगे। 
ताकि आने वाले वर्षों में बोर्ड परीक्षा के पेपर की गोपनीयता भंग ना हो सके। 

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मध्य प्रदेश परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 14 के प्रावधान में प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग करने वालों के लिए केवल 3 साल की सजा का प्रावधान है।
इसमें त्वरित कार्रवाई नहीं होती और जमानत भी मिल जाती है। ऐसे में दोषी बच निकलते हैं। इसी के चलते मंडल की कार्यपालिका समिति ने कानून में बदलाव का निर्णय लिया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि आगे इस तरह की गोपनीयता भंग ना हो इसके लिए सख्ती जरूरी है। उसके बाद सजा की अवधि बढ़ाने और एनएसए में कार्रवाई का फैसला लिया गया। बता दें कि मध्य प्रदेश में इस बार बोर्ड परीक्षा की शुरुआत में ही पेपर सोशल मीडिया पर लीक हुए थे। दो हफ्ते में ही 10 से ज्यादा पेपर लीक कर दिए गए थे। 2022-23 में 10वीं-12वीं के लीक हुए कुल 13 पेपर टेलीग्राम पर बिकने के मामले सामने आए थे। जिसके बाद अब सख्ती दिखाई जा रही है।