MPPSC Exam: भावी नौकरशाहों का मोमबत्ती जलाकर लिया गया इम्तिहान, ज्वाइनिंग से पहले अव्यवस्था से रूबरू हुए अभ्यर्थी

भोपाल स्थित भेल कॉलेज में एग्जाम के बीच बिजली गुल, मोमबत्ती जलाकर इम्तिहान देने को मजबूर हुए अभ्यर्थी, लीपा-पोती करने में जुटा प्रशासन

Updated: Jul 26, 2021, 05:14 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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भोपाल। मध्य प्रदेश में भावी ब्यूरोक्रेट्स के चयन के लिए एमपीपीएससी ने रविवार को प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को प्रदेश की लचर व्यवस्था से भी रूबरू कराया गया। परीक्षा देने आए विद्यार्थियों को मोमबत्ती के उजाले में उत्तर लिखने के लिए कहा गया। ऐसा इसलिए क्योंकि एग्जाम सेंटर की बिजली गुल हो गई थी।

मामला राजधानी भोपाल स्थित गवर्नमेंट पीजी भेल कॉलेज का है। यहां परीक्षा के वक़्त दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बिजली गुल हो गई। हालांकि, कॉलेज का इन्वर्टर शुरू हो गया। लेकिन परीक्षा समाप्ति से पहले इन्वर्टर भी बंद हो गया। इसके बाद प्रशासन ने सभी छात्रों के टेबल पर मोमबत्ती जला दी और उत्तरपुस्तिका को पूरा करने के लिए कहा।

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इस घटना के सामने आने के बाद राज्य में व्याप्त कुव्यवस्था की पोल खुल गई है। उधर प्रशासन इस पूरे मामले पर लीपापोती करने में जुटा हुआ है। प्रशासन का दावा है की लाइट जाने के कारण किसी भी अभ्यर्थी को उत्तर लिखने में परेशानी नहीं हुई। क्योंकि समय पूरा होने के महज 10 मिनट पहले बत्ती बंद हुई थी और सभी के टेबल पर मोमबत्तियां जला दी गई थी।

गवर्नमेंट पीजी काॅलेज भेल के सेंटर सुप्रिटेंड डॉक्टर मथुरा प्रसाद का कहना है की उन्होंने परीक्षा से पहले ही भेल प्रबंधन और बिजली कंपनी को परीक्षा को लेकर बिजली आपूर्ति निरंतर रखने की सूचना दी थी। इसके बावजूद रविवार को 3.30 बजे अचानक बिजली गुल हो गई। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही मोमबत्ती की व्यवस्था कर ली थी और सभी के टेबल पर एहतियातन मोमबत्तियां रखवा दी गई थी।

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प्रसाद के मुताबिक मोमबत्तियों से पर्याप्त उजाला आ रहा था और एग्जाम बिना किसी बाधा के पूरी हुई। अभ्यर्थियों को भी कोई असुविधा नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक इस सेंटर पर 200 अभ्यर्थियों को एग्जाम देना था। इनमें पहले पेपर में 140 कैंडिडेट ही शामिल हुए थे वहीं दूसरे पेपर तक 135 अभ्यर्थी ही रहे। भोपाल के 72 केंद्रों पर आयोजित परीक्षा के लिए कुल 29,063 कैंडिडेट ने पंजीयन कराया था। इनमें से परीक्षा में 19,279 यानी 66.3 फीसदी कैंडिडेट ही शामिल हुए।