MP विधानसभा में ध्वनि मत से गिरा अविश्वास प्रस्ताव, सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

हंगामे के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिया अपना वक्तव्य, पीसीसी चीफ कमलनाथ की अनुपस्थिति को सत्ता पक्ष ने बनाया मुद्दा

Updated: Dec 22, 2022, 10:50 AM IST

भोपाल। चार दिन चला मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण के साथ समाप्त हो गया। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दूसरे दिन  मुख्यमंत्री ने ढाई घंटे तक सदन में भाषण दिया और ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल कर लिया। इसके साथ ही अनिश्चितकाल के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी। लेकिन इसबार विपक्षी विधायकों का आक्रामक रुख चर्चा का विषय बना। लंबे समय बाद विपक्षी सदस्यों ने हरेक मुद्दे पर शिवराज सरकार को जवाबदेह बनाने की कोशिश की। विपक्ष इस मसले पर भी आक्रामक दिखा कि बुधवार को जब देर रात तक सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर सवाल उठाए जाते रहे तो लाइव व कैमरा नदारद थे, लेकिन मुख्यमंत्री का जवाब अर्से बाद कैमरे पर लाइव कराया गया। 

बीती रात लगभग एक बजे तक चले सवाल जवाब के बाद गुरूवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार को ही घेरते नजर आए। वह विपक्ष के सवाल का जवाब देने की बजाए उल्टा आरोप मढ़ते रहे। इसपर चचौंडा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने सीएम को टोकते हुए कहा कि इधर उधर की बात न करें, मुख्यमंत्री तो अविश्वास के विषय पर जवाब दें लेकिन सीएम ज्यादातर समय कमलनाथ सरकार की नीतियों और कार्यशैली की आलोचना करते नजर आए। अविश्वास प्रस्ताव के एक बड़े मुद्दे बीजेपी की दावत में सरकारी पैसों के खर्च पर सीएम से जवाब देते नहीं बना। जबकि कांग्रेस विधायक सबूत लेकर सदन में हमलावर दिखे। 

सदन में जीतू पटवारी ने दूसरे दिन भी आरोप लगाया कि सरकारी खर्च से बीजेपी कार्यालय में 90 बार कार्यकर्ताओं को खाना खिलाया गया। सबूत के तौर पर वे जनसंपर्क विभाग के कागज भी साथ लेकर आए थे। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मैं सदन के पटल पर सारा सबूत रखना चाहता हूं। हालांकि, सीएम चौहान ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने बिना कोई चर्चा के यह कहकर बात खत्म कर दी की बीजेपी कार्यालय में शासकीय रकम खर्च करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

कांग्रेस विधायक सीएम को कई मौकों पर निरुत्तर करते नजर आए। कांग्रेस विधायक व पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने सीएम चौहान को टोकते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान 27 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ था। आप किसानों का कर्जा माफ करेंगे या नहीं इसपर जवाब दें। यादव का सवाल सुनते ही सीएम चौहान आक्रामक हो गए और कहा कि सचिन भाई इस उम्र में इतना गुस्सा ठीक नहीं। इतना ही नहीं सीएम चौहान कर्ज माफी करेंगे या नहीं ये बताने की बजाए सचिन यादव को ये याद दिलाने की कोशिश की कि उनके भाई ने क्या ट्वीट किया था। 

ज्यादातर सवाल के जवाब में सीएम शिवराज चौहान 15 महीने की कांग्रेस सरकार की कमियां ही गिनाते नजर आए। वहीं सवालों का जवाब न मिलता देख विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान स्पीकर गिरीश गौतम ने विपक्ष को टोकते हुए कहा कि आप अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, आपने आरोप लगाए, अब सीएम को सुन तो लीजिए। इसपर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सीएम हमारे सवालों का जवाब देने से बच रहे हैं।

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संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने गुरूवार को विधानसभा में मंत्री मोहन यादव और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान पर खेद व्यक्त किया। दरअसल, मंत्री मोहन यादव ने कुछ दिन पहले ही माता सीता की तुलना तलाकशुदा महिला से की थी। वहीं रामेश्वर शर्मा ने सदन के अंदर उनके बचाव में यहां तक कह दिया कि राम-सीता और अयोध्या हमारे हैं, तुम्हारा क्या? बीती रात विधायक ओपीएस भदोरिया का व्यवहार भी आपत्तिजनक देखा गया था। विपक्षी नेताओं ने इनसे माफी की मांग करते हुए कल सदन से वॉक आउट भी कर दिया था।