Indore: पाकिस्तान से आई गीता ने बदला ठिकाना 

पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता ने अब अपना ठिकाना बदल लिया है, गीता अब सांकेतिक भाषा के जानकार ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित के साथ रहेगी

Publish: Jul 22, 2020, 01:22 AM IST

इंदौर। पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता ने अब अपना ठिकाना बदल लिया है। गीता पिछले पांच वर्षों से इंदौर के ही मूक बधिर संगठन के आश्रम में रह रही थी।  लेकिन अब गीता को इंदौर में ही विजय नगर स्थित आनंद सर्विस सोसाइटी में अपना ठिकाना मिल गया है। गीता अब सोसाइटी के हॉस्टल के संचालक तथा सांकेतिक भाषा के जानकार ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित के साथ रहेगी। 

गीता ने मूक बधिर आश्रम क्यों छोड़ा ?
मूक बधिर संगठन के अनुसार गीता ने अपना ठिकाना स्वेच्छा से बदला है। आश्रम का कहना है कि 29 वर्षीय गीता अपने से कम उम्र वाली बच्चियों के साथ एडजस्ट नहीं हो पा रही थी। संगठन के अनुसार गीता एक दफा आश्रम से भागने का प्रयास भी कर चुकी है। हालांकि उसे जल्द ही ढूंढ लिया गया। संगठन का कहना है कि गीता को खुद यहां रहने में अच्छा नहीं लग रहा था। 

गीता का खर्च नहीं उठा पाई सरकार 
पिछले पांच वर्षों से मूक बधिर संगठन के आश्रम में रह रही गीता का खर्च सरकार नहीं उठा पाई। ऐसा संगठन के अध्यक्ष मुरली धामानी का कहना है। धामानी के  अनुसार शासन की ओर से गीता की देख रेख लिए महज़ एक हज़ार रुपए ही मुहैया कराए जा रहे थे। जबकि गीता पर प्रति महीने पांच हज़ार रुपए के लगभग खर्चा हो रहा था। मुरली धमानी ने कहा कि गीता ने खुद ही यहां से जाने की इच्छा जताई थी तो हम भी कब तक रखते। गीता की इच्छा को देखते हुए मैंने सामाजिक न्याय विभाग को लिखा। गीता की इच्छा के अनुसार हमने उसे बिदाई दी। विभाग के अधिकारियों की निगरानी में उसका सारा सामान और नकदी भी दे दी है।   

माता पिता नहीं मिले, शादी भी नहीं हो पाई 
गीता के भारत आने से पहले वो पाकिस्तान के ईदी फॉउंडेशन के साथ रह रही थी। गीता कको लेकर कहा जाता है कि वो भारतीय नागरिक है।2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों के बाद उसे भारत लाया गया था।मूक बधिर संगठन के अध्यक्ष धामानी के अनुसार गीता के माता-पिता को बहुत तलाशा गया।ताकि गीता अपने माता-पिता के साथ रह पाए।लेकिन गीता के माता पिता बहुत ढूंढने पर भी नहीं मिले।तो वहीं गीता की शादी भी नहीं हो पा रही थी।दूसरी तरफ गीता न खुद पुरोहित दंपत्ति के साथ रहने की इच्छा ज़ाहिर की थी। ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित ने गीता की भारत वापसी में अहम किरदार निभाया था। लिहाज़ा गीता को पुरोहित दंपत्ति के साथ रहने के लिए भेज दिया गया है। मोनिका पुरोहित के अनुसार गीता उनके साथ रहने पर पहले से काफी बेहतर महसूस कर रही है।