50 फीसदी कमीशन दिए बगैर नहीं होता भुगतान, लघु ठेकेदार संघ का पत्र वायरल होने से गरमाई MP की सियासत

मध्य प्रदेश के लघु ठेकेदार संघ ने लिखा मुख्य न्यायाधीश को पत्र, प्रदेश में 50% कमीशन देने पर ही होता है भुगतान, वायरल लेटर से मध्य प्रदेश की राजनीति में आया भूचाल।

Updated: Aug 10, 2023, 04:09 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का वक्त बचा है और शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है। प्रदेश के कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने 50 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाते हुए शिवराज सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया। आरोप है कि ठेकेदारों को 50 फीसदी कमीशन देने के लिए मजबूर किया जाता है। लघु ठेकेदार संघ ने इस संबंध में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। पत्र वायरल होने के बाद प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है।

लघु ठेकेदार संघ ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में लिखा है कि, 'बीजेपी की वर्तमान सरकार जब से अस्तित्व में आई, तब से लेकर अब तक हम संविदाकारों का जीवन नरक की तरह हो गया है। लगभग हर जिले में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों के भुगतान लंबित हैं। किसी भी जिले में पुराने कार्यों का भुगतान करने के लिए कोई बजट नहीं आवंटित किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी सरकार से राशि अप्राप्त होने की बात करते हैं। सरकार में कोई सुनने और देखने वाला नहीं है। कुछ दलाल किस्म के लोग सक्रिय हैं जो 50% कमीशन लेकर भुगतान करा रहे हैं।'

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पत्र लिखने वाले संगठन ने पत्र में लिखा है कि, 'हमारा संगठन मध्यप्रदेश में निर्माण कार्य करने वाले छोटे पेटी संविदाकारों का प्रदेश स्तरीय संगठन है। हम समय समय पर अपने साथियों की पीड़ा को सरकार के सामने एकजुटता के साथ लाने का कार्य करते रहे है। वर्ष 2012 में अस्तित्व में आये हमारे संगठन की सदस्य संस्थाओं ने प्रदेश में पिछले 10 वर्षों में पेटी कांट्रेक्टर के तौर पर करीब 35000 किलोमीटर की सड़क, 1500 छोटे-बड़े भवन, 1000 से अधिक छोटे-बड़े तालाब समेत कई सरकारी निर्माण कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।'

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि हमारा भुगतान मूल ठेकेदार को प्राप्त होने वाले भुगतान पर निर्भर करता है। मूल ठेकेदार हमें निविदा में स्वीकृत राशि का मात्र 40% हिस्सा देकर कार्य कराते हैं। कुल स्वीकृत राशि में से 50% राशि कमीशन के तौर पर बंट जाती है, 10% राशि मूल ठेकेदार रखते हैं और शेष 40% में ही हमें कार्य भी कराना होता है और अपना परिवार भी पालना होता है।

आखिर हम पेटी कांट्रेक्टर कहां जाएं?

पत्र में लघु ठेकेदार संगठन ने सीएम शिवराज पर गंभीर आरोप हुए लिखा कि हमारे संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर अपनी पीड़ा बताई थी। मुख्यमंत्री ने हमें भुगतान कराने का आश्वासन भी दिया। हमारे लिए अपने ओएसडी को फ़ोन भी किया लेकिन ओएसडी सर से मिलने पर उन्होंने चुनावी वर्ष का हवाला देते हुए भुगतान की जाने वाली राशि का 50% पार्टी के लिए खर्च करने की बात कहकर हमें निराश किया है। संघ ने मुख्य न्यायाधीश से पूछा कि आखिर हम पेटी कांट्रेक्टर कहाँ जाएँ?  

ठेकेदार संघ का कहना है कि पूर्व में 15 से 20 प्रतिशत का कमीशन प्रचलित था, इस पर किसी को कोई आपति भी नहीं थी। लेकिन 50% कमीशन की मांग हमें गुणवत्ता से समझौता करने और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से की जा रही है। संघ ने न्यायालय से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट जज से कराकर प्रदेश के समस्त लंबित भुगतान कराने की कृपा करें। 

लघु ठेकेदार संघ का पत्र वायरल होने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल मच गया गया। विपक्षी दल कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने पत्र शेयर करते हुए लिखा कि यह सबूत है कि मध्य प्रदेश में बिना 50 परसेंट दिए किसी भी ठेकेदार का कोई भुगतान नहीं होता। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूछा कि क्या खेल आपकी देख रेख में ही यह चल रहा है? हालांकि, हम समवेत इस वायरल पत्र की पुष्टि नहीं करता।