IAS संजय मिश्रा के दौर में बिकी आदिवासियों की जमीनों की जांच कराए सरकार, दिग्विजय सिंह ने CM चौहान को लिखा पत्र

पन्ना जिले में कलेक्टर संजय कुमार मिश्र की पदस्थापना के दौरान आदिवासी परिवारों के जितने भी प्रकरणों में जमीनों को बेचने की अनुमति दी गई है उन सभी मामलों की जांच कराए जाने को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

Updated: Aug 10, 2023, 04:10 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर पन्ना में कलेक्टर रहे IAS संजय मिश्रा के दौर में बिकी आदिवासियों की जमीनों की जांच कराने की मांग की है। सिंह ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है।

सीएम चौहान को संबोधित पत्र में पूर्व सीएम ने लिखा, 'मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार की कड़ी में पन्ना जिले का एक और मामला सामने आया है जहां एक गरीब आदिवासी को भूमिहीन बनाते हुए उसकी जमीन अन्य व्यक्ति को बेचने की अनुमति कलेक्टर ने दे दी है। भूमाफियाओं द्वारा आदिवासी वर्ग के गरीब वंचित परिवारों से उनके रहने और पालन पोषण का एकमात्र स्त्रोत भी छिना जा रहा है।' 

सिंह ने पत्र में लिखा है, 'पन्ना जिले के आदिवासियों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है। मिश्र द्वारा ग्राम कल्याणपुर के आदिवासी वर्ग गरीब वंचित परिवार के राकेश कुमार गौंड की उक्त भूमि को भूमाफियाओं के नाम पर बेचे जाने की अनुमति दी गई है। कलेक्टर ने अपने स्थानांतरण होने के पश्चात कार्यमुक्ति के अंतिम दिवस जाते-जाते यह आदेश जारी किया है।' 

दिग्विजय सिंह के मुताबिक, 'कलेक्टर ने अपने आदेश में लिखा है कि राकेश गौंड को अपना इलाज कराने और घर खर्च चलाने के लिये जमीन बेचनी पड़ रही है। इस तरह के प्रकरणों में आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात किया गया और उन्हें भूमिहीन कर मजदूर बनने के लिये विवश किया गया। पन्ना जिले में अपने तीन वर्ष के विवादस्पद कार्यकाल के दौरान मिश्र पर रेत माफियाओं को संरक्षण देने के अनेक मामले सामने आये थे। इसी दौरान मुड़िया पहाड़ की बेशकीमती जमीन आदिवासी हीरा गौंड से लेकर एक भाजपा के नेता ने अपने नाम करा ली थी। इस प्रकरण में भी कलेक्टर मिश्र ने आदिवासियों के हितों की रक्षा नही की थी।'
 
सिंह ने सीएम चौहान से मांग करते हुए लिखा कि पन्ना जिले में मिश्र की पदस्थापना के दौरान आदिवासी परिवारों के जितने भी प्रकरणों में जमीनों को बेचने की अनुमति दी गई है उन सभी मामलों की राज्य स्तर से जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाये। पूर्व सीएम ने इस पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्षों को भी भेजा है।