गरीब जनता की सेहत के साथ खिलवाड़, भोपाल बांटा जा रहा प्लास्टिक का चावल: पीसी शर्मा

गेहूं के बाद अब चावल में मिलावटखोरी का मामला, कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का दावा- भोपाल में शासकीय राशन की दुकानों पर बांटा जा रहा प्लास्टिक का चावल

Updated: Feb 15, 2023, 09:22 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से मिलावटखोरी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने दावा किया कि यहां सरकारी राशन की दुकानों पर गरीबों को प्लास्टिक का चावल बांटा जा रहा है। पीसी शर्मा ने प्लास्टिक के चावल भी मीडिया को दिखाए हैं।

बुधवार को राजधानी भोपाल में अपने आवास पर मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा, "मध्य प्रदेश में गरीब जनता की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदेश में राशन की दुकानों पर प्लास्टिक का चावल दिया जा रहा है। जिन लोगों को ये चावल पीडीएस दुकानों से दिए गए उन्हीं लोगों ने मुझे ये चावल दिए हैं। इस मामले को लेकर हम विधानसभा में भी सवाल उठाएंगे। सरकार गरीब कल्याण की बात करती है और गरीबों के घरों में प्लास्टिक का चावल मिक्स करके दिया जा रहा है।"

बता दें कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत
शासकीय राशन दुकानों से गरीबों को निर्धारित कीमत पर राशन दी जाती है। ये दुकानें उचित मूल्य की राशन की दुकानें होती है। जिसे लेकर कांग्रेस विधायक ने नकली और प्लास्टिक का चावल देने का आरोप लगाया है। आरोप है कि राशन का वजन बढ़ाने के लिए उसमें प्लास्टिक का चावल मिक्स किया जाता है। कचरे में फेंकी गई पॉलिथीन को प्रोसेस करके प्लास्टिक के चावल बनाए जाते हैं। इनमें केमिकल मिलाया जाता है ताकि यह सफेद और चमकदार हो जाए। सामान्य चावल की तुलना में इनका वजन थोड़ा ज्यादा होता है। 

पॉलिथीन का चावल खाने से कैंसर समेत कई अन्य जानलेवा बिमारियां हो सकती है। यह पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश में मिलावटी राशन बांटने का मामला सामने आया हो। हाल ही में सतना में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को दिए जाने वाले गेहूं में रेत और मिट्टी मिलाने का विडियो सामने आया था। इसके लिए मजदूर लगाए गए थे जो अनाज में मिट्टी और रेत डाल रहे थे।

बता दें कि हाल के वर्षों में केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की
सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि मध्य प्रदेश में जनता को सबसे घटिया स्तर का खाद्यान वितरित किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया था कि ये खाद्यान्न जानवरों को भी नहीं दिया जा सकता। इसके बावजूद राज्य में बांटे जाने वाले अनाजों की क्वालिटी में सुधार करने संबंधी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।