2014 से अबतक देश में 90 हजार स्कूल बंद कर दिए गए, राज्यसभा में दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार को घेरा
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में 30 हजार स्कूल बंद किए गए। 2014 के बाद पचास हजार नए प्राइवेट स्कूल खुले हैं। NEP गरीबों के लिए महंगी होगी।

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व शिक्षा मामलों को लेकर गठित संसदीय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को नई शिक्षा नीति (NEP) के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार को जमकर घेरा। सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति में गरीबों के लिए जगह नहीं है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से कहा कि देश में 2014 से अबतक 90 हजार स्कूल बंद कर दिए गए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा आजादी के बाद पिछले 78 वर्षों में देश में जिस तरह से साक्षरता बढ़ी है और शैक्षणिक संस्थाओं की गुणवत्ता बढ़ी है वह ऐतिहासिक है। लेकिन पिछले 11 वर्षों में क्या हुआ हमें इसपर चर्चा करनी है। 2020 में NEP आई। इससे पहले 1986 में NEP आई थी तब मैं लोकसभा का सदस्य था और उसपर सदन में चर्चा हुई थी। लेकिन 2020 के पॉलिसी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
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सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या नई एजुकेशन पॉलिसी में गरीबों के लिए जगह है? उन्होंने कहा कि नई एजुकेशन पॉलिसी आने के बाद स्कूली और उच्च शिक्षा महंगी होगी। क्या उच्च कोटि की शिक्षा के लिए शिक्षकों के चयन को लेकर भी सवाल खड़े किए। साथ ही यह भी पूछा कि क्या सरकार उच्च कोटि की शिक्षा के लिए अच्छे Vice Chancellor और Professors का चयन करेगी? उन्होंने हमें इन सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया।
सिंह ने कहा कि NEP को लागू हुए पांच साल हो गए लेकिन अभी भी शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास के बीच जो समन्वय होना चाहिए वो नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। क्योंकि देश में 52 फीसदी महिलाएं एनीमिक हैं, 39 फीसदी बच्चे आज कुपोषित हैं।
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि साल 2014 से अबतक देश में 90 हजार स्कूल बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि देश में जब छात्रों की संख्या बढ़ी तो शिक्षा का बजट और शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी क्यों नहीं हुई। सिंह ने मध्य प्रदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में पिछले दस वर्षों में 30 हजार स्कूल बंद किए गए। उन्होंने पूछा कि गरीबों के बच्चे जो शासकीय स्कूल में जाते हैं वो अब कहां जाएंगे। सिंह ने ये भी बताया कि साल 2014 के बाद देश में पचास हजार नए प्राइवेट स्कूल खुले हैं। जिससे स्पष्ट है कि NEP गरीबों के लिए महंगी साबित होगी।
कांग्रेस नेता ने पाठ्यक्रमों में सतत बदलावों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह देश जो सांप्रदायिक सौहार्द और अनेकता में एकता का उदाहरण है वहां NCERT के किताबों में सांप्रदायिकता के संकेत नजर आते हैं। आज इतिहास को भी नए ढंग से प्रस्तुत करने की कोशिशें हो रही है। महात्मा गांधी की हत्या के बाद जो हुआ उसे NCERT के सिलेबस से निकाल दिया गया। इसी प्रकार हिंदू-मुस्लिम एकता से जुड़ा विषय भी सिलेबस से हटा दिया गया।
कांग्रेस नेता ने देश में नवीन केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय खोलने की भी वकालत की। उन्होंने सदन में कहा कि देश ने नवोदय विधायक और केंद्रीय विद्यालय की प्रशंसा होती है। क्योंकि यहां कम फीस में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिलती है। लेकिन अब इन्हें भी पीएमश्री स्कूल में समावेश किया जा रहा है। सिंह ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय में 7 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। नवोदय विद्यालय में 4 हजार से ज्यादा पद खाली है। मध्य प्रदेश में कुल 70 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इन पदों पर नियुक्तियां क्यों नहीं हो रही? सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने विचारधारा से जुड़े लोगों को पिछले दरवाजे से इन पदों पर नियुक्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 21 लाख की जनसंख्या पर एक नवोदय विद्यालय की स्थापना का प्रावधान है। उन्होंने केंद्र से मांग करते हुए कहा कि 15 लाख की आबादी पर एक नवोदय विद्यालय की स्थापना हो। सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा की बात करें तो केंद्रीय विद्यालय में पांच हजार से ज्यादा पद खाली हैं। ये अपने लोगों को बैक डोर एंट्री दिलाने का भाजपा का कुटिल चाल है।
सिंह ने बताया कि देश के IIT संस्थाओं में ST वर्ग से केवल एक फीसदी फैकल्टी हैं, SC वर्ग से पांच फीसदी और OBC वर्ग से सिर्फ दस फीसदी फैकल्टी हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि दिसंबर 2024 तक कुलपतियों के भी 10 पद रिक्त थे। साथ ही BHU के एग्जीक्यूटिव काउंसिल में राष्ट्रपति ने सदस्यों का मनोनय नहीं किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह इसलिए किया जा रहा है ताकि VC को ही सारा अधिकार दे दिया जाए। ताकि वह किसी के प्रति जवाबदार नहीं होंगे। उन्होंने दिल्ली स्थित JNU का उल्लेख करते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी सोशल साइंस, ह्यूमनिटी और लैंग्वेज के लिए प्रसिद्ध है। जबकि यहां ऐसा VC नियुक्त किया गया जो IIT का प्रोफेसर है।
सिंह ने शैक्षणिक संस्थाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कहा कि NAAC का घूसखोरी कांड सर्व विदित है। मध्य प्रदेश के RGPV के VC सुनील कुमार ने 19 करोड़ रुपए अपने प्राइवेट अकाउंट में डाल दिए। जीवाजी यूनिवर्सिटी के VC अविनाश तिवारी ने फर्जी कॉलेज को डिग्री दे दी। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल, जहां के चेयरमैन उप राष्ट्रपति हैं, वहां दो करोड़ 65 लाख के भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के मामले में VC के खिलाफ का मुकदमा कायम किया गया। वह MCU छोड़कर भागे लेकिन उसके बाद उन्हें हरियाणा स्टेट उच्च शिक्षा काउंसिल का चेयरमैन बना दिया गया।
सिंह ने अंत ने पाकिस्तान की मशहूर शायरा फहमीदा रियाज का नज़्म का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने भारत की मौजदा स्थिति पर लिखा,
"तुम बिल्कुल हम जैसे निकले
अब तक कहाँ छुपे थे भाई?
वो मूरखता वो घामड़-पन
जिस में हम ने सदी गँवाई
आख़िर पहुँची द्वार तुहारे
अरे बधाई, बहुत बधाई!"
सिंह ने कहा कि भाजपा की विचारधारा आज देश में यही स्थिति उत्पन्न कर रही है।