MP में बारिश बनी आफत, भोपाल में बाढ़ जैसे हालात, नर्मदा-चंबल-सिंध और बेतवा में उफान

भोपाल से लगी ग्राम पंचायतों में भी तेज बारिश का दिखा असर, कोडिया के शासकीय विद्यालय में कमर भर पानी, तारा सेवनिया में कई घर जलमग्न, राजधानी के पॉश इलाकों में भी प्रशासन के इंतजाम हुए फेल

Updated: Jul 24, 2022, 01:30 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं। साथ ही प्रदेश के कई डैम भी छलकने लगे हैं। राजधानी भोपाल में भदभदा के बाद कलियासोत और कोलार डैम के गेट भी खोलने पड़े हैं। रविवार को कलियासोत के 9 और कोलार डैम के 4 गेट खोले गए। 

राजधानी भोपाल में शनिवार से रुक रुककर बारिश हो रही है। इस वजह से शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। भोपाल के अधिकांश निचली बस्तियां डूब चुकी है। स्थिति ये है कि तालाब का पानी सड़कों पर आ चुका है। बारिश और जलजमाव के कारण भोपाल निगम की कलई भी खुल गई। 

राजधानी से कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई है जिसमें देखा जा सकता है कि आम जनजीवन किस तरह प्रभावित हुआ है। सोशल मीडिया पर एक स्थानीय पत्रकार का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि वह माइक लेकर जलजमाव की कवरेज कर रहे थे, इसी दौरान एक चारपहिया वाहन तेजी से गुजरती है और वह पूरी तरह पानी से लथपथ हो गए। टीवी पत्रकार ने सोशल मीडिया पर लोगों से चारपहिया वाहन धीरे चलाने की अपील की है। 

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इस वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'कार वाले राहगीरों का भी ख़्याल रखें, भोपाल में सड़कें भी तालाब में क्यों बदल रही है? शिवराज सिंह जी यही आपकी वाशिंगटन से अच्छी वाली सड़कें है।'

हे फेंकेश्वर... कुछ तो शर्म कीजिए

बारिश में भोपाल की सड़कें बदतर हो चुकी है। राजधानी के पॉश इलाकों में भी लोगों का चलना दूभर हो गया है। स्थानीय कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सीएम चौहान का बिना नाम लिए कहा कि हे फेंकेश्वर कुछ तो शर्म कीजिए। पीसी शर्मा ने सड़कों पर छपी एक रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा कि, 'वाशिंगटन तो नहीं , राजधानी भोपाल की यह सड़कें बिहार को भी मात दे रहीं हैं। हे झूठेश्वर, हे लंबी लंबी फेंकेश्वर कुछ तो शर्म कीजिए।' 

भोपाल से लगी ग्राम पंचायतों में भी तेज बारिश का असर दिखने लगा है। हुजूर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कोडिया तालाब में तब्दील हो चुकी है। यहां शासकीय स्कूल में कमर से ऊपर तक पानी भरा हुआ है। स्थिति ये है कि लोग बमुश्किल घर से निकल पा रहे हैं। उधर ग्राम पंचायत तारा सेवनिया में घरों और दुकानों में बारिश का पानी घुंस गया। तारा सेवनिया ग्राम पंचायत निवासी सीताराम कुशवाहा का घर बारिश के कारण ढह गया। यहां ग्रामीण घरों और दुकानों से निकालते नजार आए। दुकानों घरों में पानी घुसने से ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है। 

हुजूर विधानसभा क्षेत्र में आने बैरागढ़ के वार्ड 4 अंतर्गत बी न्यू 21 और 22 बेरिक कि गली में भी घुटनों तक पानी भर गया। यहां घरों में पानी घुसने के बाद में सामान तैरने लगे। यहां रहवासी खुद ही पानी निकासी के लिए नाली की खुदाई करते दिखे। स्थानीय लोगों ने बताया कि बैरागढ में बने आपदा नियंत्रण कक्ष फायर बिर्गेड पर फोन तक नहीं लग रहा। रविवार होने के कारण जिम्मेदार अधिकारी फोन बंद कर घरों में आराम फरमा रहे हैं। 

सीएम के गृहजिले सीहोर की भी यही स्थिति है। नसरुल्लागंज में 24 घंटे में 4 इंच बरसात हो चुकी है। निचले इलाकों में पानी भर गया। तहसील मुख्यालय का दो दर्जन से अधिक गांवों से संपर्क कट गया है। नंदगांव में अंबर नदी की बाढ़ में एक ही परिवार के 12 लोग फंस गए थे। बाद में सभी लोगों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाल लिया है। नर्मदा नदी उफनाने से पानी नीलकंठ पातालेश्वर शंकर मंदिर की दीवार से लग गया। पांडागांव में सीप नदी उफान पर है। वहीं पांचौर में भी ब्रिज के ऊपर पानी बह रही है। 

ग्वालियर-चंबल और निमाड़ अंचल में भी अब बादल आफत बनकर बरस रहे हैं। बेतवा नदी उफान पर है। इसके किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। शिवपुरी के मोहिनी सागर और मड़ीखेड़ा बांध के गेट खोलने से सिंध नदी में भी जलस्तर बढ़ गया है। खंडवा में इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोलने पड़ गए। नर्मदा, शिप्रा और ताप्ती उफनाई हुई हैं। राजघाट बांध, भदभदा डैम, ओंकारेश्वर बांध और तवा डैम के साथ ही प्रदेश में कई जगह बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। खंडवा में इंदिरा सागर के भी 20 में से 12 गेट खोलना पड़ गए। 6 गेट 1 मीटर और 6 गेट आधा मीटर तक खोले गए हैं। नर्मदापुरम में तवा डैम के गेट खुलने और ऊपरी हिस्सों में बारिश की वजह से इंदिरा सागर डैम में लगातार पानी भर रहा है।