सीएम शिवराज के ज़िले सीहोर का कुपोषण के मामले में बुरा हाल, 5693 बच्चे पोषण की कमी से पीड़ित
सीहोर में पांच हजार से अधिक बच्चे मध्यम कुपोषण का शिकार हैं, जबकि 500 से ज़्यादा बच्चे अतिकुपोषित हैं

भोपाल/सीहोर। बच्चों के कुपोषण के मामले में मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले की बेहद चिंताजनक तस्वीर सामने आ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले में कुल 5693 बच्चे कुपोषित हैं। कुपोषण का शिकार बच्चों में 5 हज़ार से ज़्यादा बच्चे मध्यम कुपोषित हैं जबकि ज़िले में 538 बच्चे ऐसे हैं जो अतिकुपोषण का शिकार हैं।
सीहोर ज़िले में कुल 1415 आंगनबाड़ी के केंद्र हैं। ज़िले के एक लाख 60 हज़ार बच्चों में 5693 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। जिसमें 5135 मध्यम कुपोषित हैं जबकि 558 अतिकुपोषित हैं। अतिकुपोषित बच्चों की सबसे ज़्यादा संख्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुधनी विधानसभा क्षेत्र में हैं। नसरुल्लागंज में 180 बच्चे कुपोषित हैं जबकि बुधनी में 56 बच्चे अतिकुपोषण का शिकार हैं।
इस मसले पर सीहोर ज़िले की महिला बाल विकास अधिकारी रचना बुधोलिया का कहना है कि ज़िले में कुपोषण के कहर को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारी के मुताबिक कुपोषण को कम करने के लिए समय समय पर बच्चों की जांच भी की जाती है और साथ ही मिल्क पाउडर और 600 ग्राम पोषक आहार वितरित कर बच्चों की मॉनिटरिंग भी समय समय पर होती है। सवाल यही है कि जब प्रशासन की ओर से इतने युद्धस्तर पर काम हो रहा है तो इसके बावजूद सीएम के गृह ज़िले में कुपोषण की ऐसी दयनीय स्थिति क्यों है ?
बच्चों को दूध बांटने के दावे में कितनी सच्चाई है
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अतिकुपोषित बच्चों को सामान्य स्थिति में लाए जाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन अभियान धरातल पर उतरता हुआ नहीं दिख रहा है। पीटीआई के मुताबिक सीहोर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर अतिकुपोषित बच्चों के लिए मिल्क पाउडर का वितरण नहीं हो रहा है। बच्चों को समय पर सत्तू, पंजीरी और खिचड़ी भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बच्चों को आहार न मिल पाने के कारण सीहोर में कुपोषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
किस ब्लॉक में कितने बच्चे हैं कुपोषित
ब्लाक अति मध्यम कुल
आष्टा 78। 1003 1083
जावर 22। 213 235
बुधनी 56। 753 809
दोराहा 38। 818 1356
सीहोर ग्रामीण 80। 403 485
सीहोर शहरी 47। 444 491
इछावर 57। 503 560
नसरुल्लागंज 180। 996 1176