MP में कुव्यवस्थाओं की शर्मनाक तस्वीर, बाइक की डिग्गी में मृत बच्चे का शव रखकर कलेक्ट्रेट पहुंचा पिता

सिंगरौली जिले में नवजात बच्चे की मौत के बाद एंबुलेंस न मिलने पर बेबस पिता उसके शव को बाइक डिग्गी में रखकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर के सामने अपना दर्द बयां किया।

Updated: Oct 19, 2022, 08:07 AM IST

सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां नवजात बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। बेबस पिता मोटरसाइकिल की डिग्गी में शव लेकर अस्पताल से निकला। अंत में वह मदद के लिए कलेक्टर के पास पहुंच गया और अपना दर्द बयां किया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक 17 अक्टूबर को दिनेश भारती अपनी पत्नी मीना भारती की डिलीवरी कराने के लिए उसे सिंगरौली जिले के जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचा था। अस्पताल की डॉक्टर सरिता शाह ने प्रसव कराने की जगह महिला को शासकीय अस्पताल से अपन निजी क्लीनिक में ट्रांसफर कर दिया और 5 हजार रुपए भी लिए। लेकिन जब उन्हें यह पता चला की बच्चे की कोख में ही मौत हो चुकी है तो उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया।

बच्चे की मौत हो जाने की बात पता चलते ही डॉक्टर सरिता शाह के निजी क्लीनिक के स्टाफ ने उन्हें 5 हजार रुपए दिए और वापस जिला अस्पताल भेज दिया। जहां दिनेश की पत्नी भारती ने मृत बच्चे को जन्म दिया। मृत बच्चे के शव को लिए माता-पिता अस्पताल में यहां वहां भटकते रहे और शव को घर ले जाने के लिए वाहन दिलाने की गुहार लगाते रहे। लेकिन स्टाफ ने एक न सुनी और उल्टे एंबुलेंस न होने की बात कहकर उन्हें वहां से रवाना कर दिया।

बेरहम अस्पताल प्रबंधन ने नवजात का शव पॉलिथीन में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया था। बच्चे की मौत से सदमे में माता-पिता को जब पन्नी में लिपटा मासूम का शव मिला तो उनके हाथ कांप गए, लेकिन गरीब और मजबूर माता-पिता के पास कोई और चारा भी नही था। बच्चे की मौत का गम और सिस्टम की मार झेल रहा पिता दिनेश एंबुलेंस न मिलने के कारण बाइक की डिग्गी में ही नवजात बच्चे का शव लेकर अस्पताल से निकला। यह दृश्य जिसने भी देखा उसकी भी आंखे नम हो गई लेकिन अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ को कोई फर्क नही पड़ा। 

नवजात बच्चे का शव लेकर पिता कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर को सारी बात बताते हुए अस्पताल की लापरवाही बयां की। कलेक्टर ने दिनेश की पूरी बात सुनने के बाद उन्हें जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब सिंगरौली या फिर प्रदेश के जिला अस्पताल की लापरवाही के कारण इस तरह की तस्वीर सामने आई है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की यही हकीकत है।