संस्कृति बचाओ मंच ने खोला राज्य सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा

संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चन्द्रशेखर तिवारी ने कहा, अगर राज्य सरकार ने नवरात्रि में सार्वजनिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी तो मंच छेड़ेगा जन आन्दोलन

Updated: Aug 26, 2020, 08:17 AM IST

भोपाल। कोरोना द्वारा जनित विकट परिस्थितियों से सबसे ज़्यादा अगर किसी का रोज़गार का प्रभावित हुआ है तो वो शहर और प्रदेश के मूर्तिकारों का। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार इस वर्ष गणेश चतुर्थी और नवरात्रि जैसे पर्वों पर सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पूर्णतः रोक लगा दी गई है। आगामी नवरात्रि के पर्व से पहले राजधानी स्थित संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने राज्य सरकार को नवरात्रि के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर ढील देने का आह्वान किया है। संयोजक का कहना है कि अगर सरकार ने मांगों को नहीं माना तो राज्य सरकार के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ देंगे।

हाल ही में गणेश चतुर्थी गुज़री है, उस दौरान मूर्तियों की बिक्री न होने की वजह से मूर्तिकार परेशान हैं। और नवरात्रि के त्यौहार पर वे किसी भी कीमत पर आर्थिक मार नहीं झेलना चाहते। लिहाज़ा राजधानी के संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक ने शासन को खुली चेतावनी दे दी है।   

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मूर्तिकारों की फ़रियाद नहीं सुन रही सरकार 
चन्द्रशेखर तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार मूर्तिकारों की फ़रियाद नहीं सुन रही है। तिवारी ने कहा कि ' मैंने सार्वजनिक कार्यक्रमों पर से रोक हटाने की मांग, शिवराज जी और नरोत्तम जी से की थी लेकिन दोनों ने ही मूर्तिकारों की व्यथा सुनाने के बावजूद मांग को अस्वीकार कर दिया। तिवारी ने कहा कि 'बाद में प्रज्ञा दीदी ( साध्वी प्रज्ञा ) ने हमारी बात सुनी और आवाज़ भी उठाई। लेकिन बीजेपी के नेताओं का कहना था कि इसके लिए सीधे से बात करो।' तिवारी ने कहा कि 'मैं खुद भारतीय जनता पार्टी का एक सदस्य हूँ, लेकिन इन लोगों ने मेरी एक बात भी नहीं सुनी।'  

शराब की दुकानें खुली हैं लेकिन लोग त्यौहार क्यों नहीं मना सकते? 
चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि ऐसे समय में जब प्रदेश सरकार ने शॉपिंग मॉल और यहां तक कि शराब की दुकानें खुली हैं तो सार्वजनिक त्यौहारों पर आखिर किस बात की रोक लगा रखी है? लोग अपने त्यौहार क्यों नहीं मना सकते? तिवारी ने राज्य सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए कहा है कि अगर सरकार ने हमारी मांग 15 दिनों के भीतर नहीं मानी, तो हम सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर एक जन आंदोलन छेड़ देंगे।