हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग पर मैनिट भोपाल के वैज्ञानिकों का सफल शोध, हाइड्रोजन ईंधन घटाएगा प्रदूषण

दुनियाभर में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में वैज्ञानिक हाइड्रोजन को भविष्य के ईंधन के रूप में देख रहे हैं।

Updated: Nov 01, 2024, 05:38 PM IST

दुनियाभर में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में वैज्ञानिक हाइड्रोजन को भविष्य के ईंधन के रूप में देख रहे हैं। इसी दिशा में भोपाल स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के एनर्जी सेंटर के तीन प्रोफेसर और एक पीएचडी छात्र ने एक वर्ष तक शोध कर महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त किए हैं।

 

शोध में पाया गया कि डीजल इंजन में 80 प्रतिशत डीजल के साथ 20 प्रतिशत हाइड्रोजन गैस का उपयोग किया जा सकता है। इसके माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल, अधिक ऊर्जा युक्त और सुरक्षित वाहनों का निर्माण संभव हो सकता है। मैनिट के एनर्जी सेंटर ने सितंबर 2023 में 25 लाख रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी, जिसमें डॉ. प्रशांत बारेदार, डॉ. गौरव द्विवेदी, डॉ. टिकेंद्रनाथ वर्मा और पीएचडी छात्र कौस्तुभ ने मिलकर ड्युअल फ्यूल इंजन में हाइड्रोजन गैस के प्रयोग पर शोध किया।

 

डॉ. गौरव द्विवेदी के अनुसार, शोध के पहले चार महीनों में डीजल के साथ अलग-अलग मात्रा में हाइड्रोजन का उपयोग कर परीक्षण किया गया। इस प्रक्रिया में 20 प्रतिशत हाइड्रोजन का अनुपात सबसे संतुलित पाया गया, जिससे इंजन में हीटिंग की समस्या भी नहीं हुई। इस शोध को एक प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है।

 

पीएचडी छात्र कौस्तुभ ने बताया कि ड्युअल फ्यूल इंजन में डीजल टैंक के साथ हाइड्रोजन सिलेंडर लगाया गया, जिससे इंजन को पहले डीजल से चालू कर गर्म किया जाता है और बाद में हाइड्रोजन की सप्लाई शुरू की जाती है।