पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाली बाघिन T-1 की मौत, रिलोकेशन प्रोग्राम में निभाई थी अहम भूमिका

बाघिन टी-1 पर एमराल्ड जंगल, रिटर्न ऑफ द टाइगर्स नाम की दो अंतरराष्ट्रीय फिल्म भी बन चुकी है। 13 शावकों को जन्म देकर एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में निभाई थी अहम भूमिका।

Updated: Feb 01, 2023, 01:30 PM IST

पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से दुखद घटना सामने आई है। यहां बाघों की आबादी बढ़ाने वाली बाघिन टी-1 की मौत हो गई है। इसे साल 2009 में रिलोकेशन प्रोग्राम के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़ से लाया गया था। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में इस बाघिन की अहम भूमिका थी।

जानकारी के मुताबिक बाघिन टी-1 का शव मौत के करीब एक हफ्ते बाद मिला है। वन कर्मियों ने बुधवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया। वन अधिकारी बाघिन की मृत्यु को स्वाभाविक मौत मान रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस बाघिन की उम्र करीब 17 साल थी। 

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बाघिन टी-1 अपने 17 वर्ष की आयु में पांच बार गर्भवती हुई और उसने कुल 13 बच्चों को जन्म दिया। जुलाई 2016 में बाघिन टी-1 ने एक साथ 3 बच्चों को जन्म दिया। इस बाघिन के जीवन पर एमराल्ड जंगल और रिटर्न ऑफ द टाइगर्स नाम की दो अंतरराष्ट्रीय फिल्म भी बन चुकी है। एक फिल्म को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2022 के लिए भी चुना गया था।

गौरतलब है कि साल 2009 में पन्ना में बाघ पूरी तरह से खत्म हो गए थे। बाघों की दुनिया को पुनः आबाद करने 'टाइगर रीलोकेशन प्रोग्राम' चलाया गया, जो काफी सफल रहा। इस प्रोग्राम के जरिए बाघों की संख्या बढ़कर 80 के करीब हो गई। हालांकि, अब पन्ना टाइगर रिजर्व से लगातार बाघों के मरने की खबरें आने लगी हैं, जो बेहद चिंताजनक है। लगातार हो रही बाघों की मौतों से मध्य प्रदेश को मिला बाघ स्टेट का दर्जा भी खतरे में पड़ सकता है।