बजट से पहले शेयर बाजार में गिरावट का दौर, सेंसेक्स 824 अंक गिरकर 75,366 पर बंद

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में गिरावट और 7 में बढ़त देखने को मिली। IT, एनर्जी और मेटल शेयर्स में ज्यादा गिरावट देखने को मिली। वहीं ऑटो शेयर्स में मजबूती रही।

Updated: Jan 27, 2025, 05:10 PM IST

मुंबई। भारतीय शेयर मार्केट में रक्तपात का दौर जारी है। इसी हफ्ते वित्तमंत्री संसद में बजट पेश करने वाली हैं। बजट से पहले शेयर बाजार में लगातार निगेटिव सेंटीमेंट देखने को मिल रही है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार यानी 27 जनवरी को सेंसेक्स 824 अंक की गिरावट के साथ 75,366 पर बंद हुआ।  

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में गिरावट और 7 में बढ़त देखने को मिली। IT, एनर्जी और मेटल शेयर्स में ज्यादा गिरावट देखने को मिली। वहीं ऑटो शेयर्स में मजबूती रही। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 2 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

वहीं, निफ्टी में भी 263 अंक की गिरावट रही, ये 22,829 के स्तर पर बंद हुआ। आज के कारोबार के दौरान निफ्टी पर आईसीआईसीआई बैंक, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, एसबीआई, एमएंडएम, एचयूएल के शेयर टॉप गेनर के लिस्ट में शामिल रहे। जबकि टेक महिंद्रा, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पावर ग्रिड कॉर्प, भारती एयरटेल के शेयर टॉप लूजर के लिस्ट में शामिल रहे।

आज लगातार चौथे हफ्ते भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी में 8.23 बिलियन डॉलर के भारतीय शेयर और बॉन्ड बेचे। अकेले इक्विटी में, FPI ने 7.44 बिलियन डॉलर निकाले, जो अक्टूबर 2024 के बाद से सबसे ज्यादा निकासी है, जब बेंचमार्क में लगभग 6 फीसदी की गिरावट आई थी, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे ज्यादा गिरावट थी।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक बाजार में गिरावट के 3 प्रमुख कारण हैं। इनमें पहला कारण अमेरिका के नए प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता है। वहीं, दूसरा करना ये है कि वित्त वर्ष 2024-25 में कई कंपनियों के कमजोर नतीजे आए हैं। बाजार में गिरावट का तीसरा कारण ये है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं।