उमा भारती ने शिवराज को लिखी चिट्ठी, 8 मार्च से शराबबंदी अभियान चलाने का एलान
उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम लिखी चिट्ठी में कहा, गांधी जी की कल्पना के आज़ाद भारत में नशाबंदी और शराबबंदी का महत्व था, इस दिशा में करेंगी जन जागरण

भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने एक बार फिर शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ाने जा रही हैं। जहां एक तरफ़ राज्य के ताकतवर गृह मंत्री शराब की ज़्यादा से ज़्यादा दुकानें खोलने की माँग कर चुके हैं, वहीं उमा भारती ने प्रदेश में शराबबंदी के लिए अभियान छेड़ने का एलान कर दिया है। उमा भारती ने आज इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र भी लिखा है। इस चिट्ठी में उन्होंने 8 मार्च से शराबबंदी के ख़िलाफ़ अभियान चलाने की जानकारी भी दी है। उमा भारती ने लिखा है कि मैं आपको यह पत्र भेजने के तुरंत बाद सार्वजनिक कर दूँगी ताकि इस बारे में कोई ग़लतफ़हमी न पैदा हो।
उमा भारती ने चिट्ठी में शिवराज सिंह चौहान को लिखा है, “मैं आपको पहले भी कह चुकी हूँ कि मध्य प्रदेश में नशाखोरी, शराबखोरी के ख़िलाफ़ एक जन जागरण अभियान चलना चाहिए। इस संबंध में मुझसे बहुत सारे सामाजिक लोगों ने संपर्क किया तथा मेरी आगे की योजना पूछी।..मैंने उनसे आग्रह किया है कि इस विषय पर राजनीतिक वक्तव्य नहीं होना चाहिए तथा सरकार पर अनुचित दबाव की चेष्टा भी नहीं होनी चाहिए। बल्कि सामाजिक चेतना का जागरण करके मनुष्य स्वेच्छा से नशाखोरी तथा शराबखोरी का त्याग करें, ऐसा प्रयत्न होना चाहिए।”
उमा भारती ने आगे लिखा है कि गांधी जी की कल्पना के आज़ाद भारत में नशाबंदी एवं शराबबंदी भी थी। उनका कहना है कि इस दिशा में अब तक जो भी प्रयास सामाजिक जागरण की राह पर ज़्यादा सफल हुए हैं। बीजेपी नेता ने कहा है कि 8 मार्च को इस बारे में एक विमर्श आयोजित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने शिवराज सिंह चौहान से यह भी कहा है कि वे नशाखोरी और शराबखोरी को रोकने में सरकार के साथ सहयोगी की भूमिका निभाना चाहती हैं।
राज्य में शराब की ज़्यादा से ज़्यादा शराब दुकानें खोलने के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद से ही उमा भारती लगातार शराबबंदी की माँग उठा रही हैं। अब से क़रीब दस दिन पहले उन्होंने ये संकेत भी दे दिए थे कि वे शराबबंदी के लिए राज्य में अभियान शुरू कर सकती हैं। उन्होंने कहा था कि नशा करने के बाद ही रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए शराबबंदी होनी चाहिए।
उमा भारती ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता। सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। सरकार द्वारा शराब की दुकानें खोलने की तुलना करते हुए उन्होंने कहा था कि ये बात कुछ वैसी ही है जैसे मां अपने बच्चे की रक्षा करने की जगह वही मां अपने बच्चे को ज़हर पिला दे।