शिवराज ने अकेले ले ली अस्पताल की क्रेडिट, भड़के BJP नेता ने शिलालेख तुड़वाकर लिखवाया अपना नाम

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीते 2 जुलाई को भोपाल में किया था काटजू अस्पताल का उद्घाटन, क्रेडिट छिनता देख भड़के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, शिलालेख तुड़वाया, कांग्रेस बोली- नहीं खत्म हुई प्रचार की भूख

Updated: Jul 17, 2021, 12:48 PM IST

भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर का तांडव अभी खत्म हुआ है कि मध्य प्रदेश बीजेपी नेताओं में अस्पतालों के क्रेडिट के लिए होड़ मच गई है। राजधानी भोपाल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सीएम शिवराज ने नवनिर्मित शासकीय हॉस्पिटल का उद्घाटन किया था। हालांकि, अस्पताल बनवाने का पूरा क्रेडिट सीएम को मिलता देख उनके ही कैबिनेट में मंत्री रहे उमाशंकर गुप्ता भड़क गए और उन्होंने शिलालेख को ही तुड़वा दिया।

दरअसल, भोपाल में नवनिर्मित डॉ कैलाश नाथ काटजू शासकीय सिविल हॉस्पिटल में 200–बिस्तरों के फीवर क्लीनिक का आज पूर्व मंत्री उमाशंकर उद्घाटन करने पहुंचे थें। अजीब बात यह है कि इस हॉस्पिटल का उद्घाटन बीते 2 जुलाई को ही सीएम शिवराज कर चुके है। उद्घाटन समारोह में सीएम के अलावे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा और स्थानीय कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा भी मौजूद थे। 

मामला ये है कि जिस विधानसभा क्षेत्र में ये अस्पताल बनी है वहां से बीजेपी नेता उमाशंकर गुप्ता विधायक रह चुके हैं। पूर्व मंत्री गुप्ता इस बात को लेकर भड़क गए कि कार्यक्रम में उन्हें क्यों बुलाया गया। चूंकि, उन्हें बुलाया नहीं गया था इस वजह से शिलालेख पर उनका नाम भी अंकित नहीं था। इसके बाद गुप्ता ने योजनाबद्ध तरीके से उस शिलालेख को ही तुड़वा दिया और वहां एक नया शिलालेख लगवा दिया जिसमें उनका नाम भी लिखा है। गुप्ता ने इसमें चालाकी ये की है कि उद्घाटन की तिथि भी उन्होंने 2 जुलाई रहने दिया है, बिल्कुल पुराने शिलालेख के पैटर्न में सिर्फ अपना नाम अलग से घुसेड़ दिया है।

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क्रेडिट लेने के होड़ में बीजेपी के पूर्व मंत्री द्वारा की गई यह हरकत सुर्खियों में है। गुप्ता के इस हरकत को स्थानीय कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का अपमान करार दिया है। उन्होंने बताया है कि डॉक्टरों पर दबाव बनाकर यह काम किया गया है। मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा है कि बीजेपी नेताओं के प्रचार की भूख अभी शांत नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'जब सीएम ने उद्घाटन कर दिया था तो शिलालेख पर उमाशंकर गुप्ता का नाम लिखने का कोई औचित्य नहीं है। चूंकि वे किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं। ये एक गलत परंपरा है।'