2024 में तीन गुना रफ्तार से बढ़ी अरबपतियों की दौलत, ऑक्सफैम ने बताया मानवता के लिए बुरा संकेत

आर्थिक असमानता को लेकर जारी ऑक्सफैम की रिपोर्ट में सरकारों से अमीरों पर अधिक कर लगाने और असमानता को कम करने के उपाय करने की अपील की गई है।

Updated: Jan 20, 2025, 06:30 PM IST

वैश्विक आर्थिक असमानता को लेकर ऑक्सफैम इंटरनेशनल (Oxfam International) ने चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में दुनिया भर के अरबपतियों की दौलत के बढ़ने की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले तीन गुना बढ़ी है। जबकि गरीबों की तादाद में 1990 से अब तक कोई खास कमी नहीं आई है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती आर्थिक गैर-बराबरी की तरफ ध्यान खींचने वाली यह रिपोर्ट चिंताजनक है। इस रिपोर्ट में आर्थिक असमानता को कम करने के लिए अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने का सुझाव भी दिया गया है। रिपोर्ट का शीर्षक 'टेकर्स, नॉट मेकर्स' (Takers Not Makers: The unjust poverty and unearned wealth of colonialism) इशारा करता है कि दुनिया के अधिकांश सुपर-रिच लोगों ने अरबों की दौलत अपनी मेहनत से नहीं, बल्कि मोनोपोली, क्रोनी कनेक्शन या विरासत के जरिए हासिल की है।

ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि चंद लोगों की बेहिसाब दौलत आम लोगों को कुचल रही है। इस दौलत का इस्तेमाल अगर सही जगह किया जाए, तो लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकता है। ऑक्सफैम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमिताभ बेहर ने रिपोर्ट जारी किए जाने के मौके पर कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कुछ खास लोगों का कब्जा खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। यह पूरी मानवता के लिए एक चेतावनी है।

अमिताभ बेहर कहा, 'कुछ खास विशेषाधिकार प्राप्त लोगों द्वारा हमारी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कब्जा ऐसी ऊंचाई तक पहुंच गया है जिसे पहले कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। न सिर्फ अरबपतियों की दौलत बढ़ने की रफ्तार तीन गुना तेज हुई है, बल्कि उनकी ताकत भी उतनी ही बढ़ी है।'

ऑक्सफैम की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के अरबपतियों की दौलत 2024 में 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़कर 15 ट्रिलियन डॉलर हो गई। यह बढ़ोतरी 2023 की तुलना में तीन गुना तेज़ है। इस साल 204 नए अरबपति बने, यानी हर हफ्ते औसतन चार नये अरबपति जुड़े। अकेले एशिया में 41 नए अरबपति बने, जबकि यहां अरबपतियों की संपत्ति में 299 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के सबसे अमीर 10 लोगों की संपत्ति 2024 में औसतन हर दिन 100 मिलियन डॉलर यानी करीब साढ़े आठ अरब प्रतिदिन की रफ्तार से बढ़ी। अगर वे अपनी 99% संपत्ति भी खो दें, तब भी वे अरबपति रहेंगे। ऑक्सफैम ने विश्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 6.85 डॉलर प्रतिदिन से कम आमदनी पर जिंदगी गुजारने वाले गरीब 1990 से अब तक लोगों की संख्या में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

ऑक्सफैम द्वारा दुनिया में आर्थिक गैर-बराबरी की स्थिति की तरफ ध्यान खींचने वाली रिपोर्ट हर साल पेश की जाती है। यह रिपोर्ट स्विट्जरलैंड के डावोस में होने वाली वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की सालाना बैठक शुरू होने वाले दिन ही पेश की जाती है। खास बात ये है कि इस बार यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब अमेरिका में डोनॉल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे हैं।

अमिताभ बेहर ने ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इस तरह की कुलीनतंत्र वाली व्यवस्था की ताजा मिसाल तो यह है कि एक ऐसा अबरपति शख्स राष्ट्रपति बनकर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को चलाने जा रहा है, जिसे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क का समर्थन हासिल है। हम इस रिपोर्ट को एक कड़ी चेतावनी के रूप में पेश कर रहे हैं कि दुनिया भर के आम लोग कुछ गिने-चुने लोगों की अपार संपत्ति के बोझ तले कुचले जा रहे हैं।