भोपाल के जेपी अस्पताल में हंगामा, मरीजों ने कोरोना रिपोर्ट नहीं मिलने पर जताई नाराजगी

भोपाल के जेपी अस्पताल में मरीजों ने लगाया पॉजिटिव या निगेटिव रिपोर्ट नहीं बताने का आरोप, ग़ुस्साए मरीजों ने किया हंगामा

Updated: Mar 16, 2021, 09:41 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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भोपाल। राजधानी के जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में कोरोना रिपोर्ट को लेकर लोगों ने जमकर हंगामा कर दिया। कई दिनों से कोरोना टेस्ट करवाने के बाद भी लोगों को कोरोना की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। कई मरीजों को विभिन्न बीमारियों के इलाज से पहले अपने डॉक्टर को कोरोना की रिपोर्ट दिखानी है। कई मरीजों ने दो तीन दिन पहले कोरोना टेस्ट करवाया था, उनसे कहा गया था कोरोना की रिपोर्ट उनके मोबाइल पर आएगी।

जब लोगों की रिपोर्ट उनके फोन पर नहीं आई, तब उन्होंने अस्पताल से संपर्क करके अपनी कोरोना रिपोर्ट मांगी। लोगों का आरोप है कि अस्पताल की तरफ से रिपोर्ट दिए जाने की जगह टालमटोल वाला रवैया अपनाया जा रहा है। अस्पताल के इस रवैये से खफा मरीजों ने आज जमकर हंगामा किया। यह पहला मौका नहीं है जब कोरोना रिपोर्ट में देरी को लेकर अस्पताल में हंगामा हुआ हो। बीते दस दिनों में यह दूसरा मौका है जब मरीजों ने रिपोर्ट में देरी पर जेपी अस्पताल में हंगामा किया।

जेपी अस्पताल परिसर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के दफ्तर में कोविड 19 जांच रिपोर्ट देने के लिए सेंटर बना है। जिसके सामने एक नोटिस लगा है। उसमें लिखा है कि कोरोना टेस्ट रिपोर्ट वाट्सऐप पर पता करने के लिए 9479963540 मोबाइल नंबर पर मरीज का नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, SRF आईडी, सैंपल देने की तारीख भेजें।

अस्पताल का दावा है कि इस नंबर पर जानकारी भेजने पर कोरोना टेस्ट का रिजल्ट वाट्सऐप पर मिल सकेगा। जब लोगों ने दिए गए वाट्सऐप नंबर पर जानकारी भेजी, तब भी कोई उत्तर नहीं मिला। फोन करने पर पता चला कि वह नंबर तो बंद है। थक हार कर जब मरीज अस्पताल में अपनी रिपोर्ट पता करने पहुंचे, तो वहां कोई जिम्मेदार कर्मचारी नहीं मिला। जो मरीजों की समस्या का समाधान कर सके। वहीं कोरोना रिपोर्ट के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई SMS भी नहीं भेजा गया। कोरोना रिपोर्ट के इंतजार में बैठे मरीजों ने अस्पताल में जम कर हंगामा किया।

लोगों का आरोप है कि कोरोना रिपोर्ट देने के लिए यहां तैनात की गई स्वास्थ्य विभाग की अधिकारी रश्मि अपना केबिन बंद करके बैठ गईं। जब लोगों ने उनसे रिपोर्ट नहीं मिलने का बात कही, तो वे मरीजों को ही गलत साबित करने में जुटी रहीं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने में लगे रहे, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला। मरीजों का आऱोप है कि रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से उनका इलाज अटका हुआ है। कई मरीज ऐसे हैं जिनका ज़रूरी ऑपरेशन होना है, लेकिन कोरोना रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से उसमें देर होती जा रही है।