हम कॉलेज जाने में असमर्थ हैं, रेड बस में रियायती पास की व्यवस्था करें: भोपाल कलेक्टर से स्टूडेंट्स की गुहार

पहले 300 रुपए में छात्रों के लिए जारी होता था रेड बस का स्मार्ट पास, कोरोना काल के बाद अबतक शुरू नहीं हो हुई रियायती दरों पर स्मार्ट पास की सुविधा, एनएसयूआई ने नगर निगम घेराव का किया ऐलान

Updated: Apr 10, 2023, 05:09 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल की सड़कों पर दौड़ने वाली सिटी बसों में सफर करना कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को महंगा साबित हो रहा है। दरअसल, छात्र-छात्राओं को रियायती दरों पर मिलने वाले स्मार्ट पास की व्यवस्था को सरकार ने निष्क्रिय कर दिया है। ऐसे में अब राजधानी के हजारों निम्न आयवर्ग के घरों से आने वाले छात्र-छात्राएं परेशान हैं। छात्र छात्राओं ने इस संबंध में भोपाल कलेक्टर को पत्र लिखकर रेड बस में रियायती पास की व्यवस्था कराने की गुहार लगाई है।

दरअसल, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) द्वारा संचालित रेड बस में आम यात्री 800 रुपए में महीनेभर अनलिमिटेड सफर कर सकते हैं। प्रतिदिन स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों को नगर निगम की ओर से पहले रियायती दरों पर स्मार्ट कार्ड अलॉट की जाती थी। छात्रों को महीनेभर के लिए 300 रुपए देने होते थे। लेकिन कोरोना काल के बाद से ये सुविधा बंद है। ऐसे में छात्रों को भी स्टैंडर्ड फेयर चुकाना पड़ रहा है। नतीजतन निम्न आय वाले घरों से आने वाले हजारों छात्र-छात्राएं पास बना पाने में असमर्थ हैं। अब छात्र छात्राओं ने भोपाल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में मदद की गुहार लगाई है।

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एसवी पॉलीटेक्निक कॉलेज की छात्रा श्वेता सिंह ने बताया कि विद्यार्थी पास श्रेणी बंद कर देने के कारण हमारे परिजन परिवहन शुल्क वहन कर पाने में असमर्थ हैं। विद्यार्थियों ने कई बार भोपाल महापौर एवं नगर निगम के अन्य पदाधिकारियों सहित मध्य प्रदेश शासन से मदद की गुहार लगाई। लेकिन अबतक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका। स्मार्ट पास नहीं होने के कारण हम कॉलेज जाने में असमर्थ हैं और पैसों के कारण हमारी पढ़ाई बाधित हो रही है। हम चाहते हैं कि सरकार और भोपाल प्रशासन पुनः स्टूडेंट्स पास की व्यवस्था शुरू करे ताकि हम छात्र-छात्राएं पढ़ लिखकर देश और प्रदेश की नाम रौशन कर सकें। 

छात्र छात्राओं के डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे राजवीर चौबे ने कहा, 'हम पिछले कई महीनों से स्टूडेंट श्रेणी की पास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शिवराज सरकार में छात्र छात्राओं की सुनने वाला कोई नहीं है। हजारों छात्र पैसे नहीं होने के कारण या तो घर बैठने को मजबूर हैं अथवा पांच से सात किलोमीटर पैदल चलकर कॉलेज आने को मजबूर हैं। इस कारण से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हम शासन और प्रशासन से मांग करते हैं कि छात्रों की समस्या का शीघ्र निवारण करे। यदि इस दिशा में जल उचित कदम नहीं उठाए जाते हैं और एनएसयूआई उग्र प्रदर्शन करेंगे। हम राजधानी की सड़कों पर रेड बसों का चक्का जाम करने को विवश होंगे। सरकार छात्रों को लूटना बंद करे।'