Ashok Gehlot : मासूम चेहरे पर ना जाएं, पायलट हैं धोखेबाज़

Rajasthan Political Crisis : अशोक गहलोत ने पूछा कि आखिर इतने महंगे वकीलों के लिए फीस का पैसा कहां से आया सचिन के पास, 6 महीने से कर रहे थे बीजेपी से सांठगांठ

Publish: Jul 21, 2020, 04:06 AM IST

जयपुर। राजस्थान में जारी राजनीतिक उथल पुथल के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि पायलट ने कांग्रेस पार्टी को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ साजिश रची और वे एक तीसरा मोर्चा बनाना चाहते थे।  केंद्र सरकार ने संस्थानों का दुरुपयोग किया और मेरी सरकार के खिलाफ साजिश रची गई। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पार्टी के किसी प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार गिराने की साजिश रची हो।

गहलोत के इस बयान से अब साफ हो गया है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ पायलट को वापस बुलाने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, उन्हें अब बहुत बड़ा झटका लगा है। गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे पिछले 6 महीनों से बीजेपी की सहायता से सरकार गिराने की साजिश हो रही थी। जब मैं इस बारे में कहता था तो कोई मेरा विश्वास नहीं करता था। किसी को नहीं पता था कि इतने मासूम चेहरे वाला कोई व्यक्ति ऐसा काम करेगा। मैं यहां सब्जी बेचने नहीं आया हूं, मैं मुख्यमंत्री हूं। 

गहलोत ने कहा कि पार्टी ने पायलट ने सबकुछ दिया। बिना कुछ किए हुए ही पायलट सांसद, मंत्री, अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बन गए। लेकिन पायलट ने पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा। पायलट और बीजेपी की मिली भगत की तरफ इशारा करते हुए गहलोत ने सवाल किया इतने महंगे वकीलों की फीस देने के लिए पायलट के पास पैसा कहां से आया। गौरतलब है कि मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे राजस्थान हाई कोर्ट में पायलट और बागी विधायकों की पैरवी कर रहे हैं। ये दोनों वरिष्ठ वकील सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी और केंद्र सरकार की पैरवी करते हैं। मुकुल रोहतगी को 2014 में बीजेपी सरकार आने के बाद अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था। 

इससे पहले सचिन पायलट के ऊपर कांग्रेस के एक विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा ने भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पायलट ने मलिंगा को बीजेपी में शामिल होने के लिए 35 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया था। इसपर सचिन पायलट ने कहा कि वे इस प्रकार के आरोपों से दुखी तो हैं लेकिन आश्चर्यचकित नहीं। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से मुझे बदनाम करने और राज्य के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ, विधायक और विधायक के रूप में मेरे द्वारा उठाए गई वैध चिंताओं को रोकने के लिए किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य मुझे बदनाम करना और अपनी विश्वसनीयता पर हमला करना है। सचिन पायलट ने कहा कि वे मलिंगा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का सहारा लेंगे। 

उधर ऑडियो टेप मामले में एंटी करप्सन ब्यूरो ने कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह के यहां नोटिस चस्पा किया है और पूछताछ के लिए अगले तीन दिनों में पेश होने के लिए कहा है। इससे पहले इस मामले में SOG टीम केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस भेज चुकी है। वहीं गजेंद्र सिंह ने ऑडियो टेप की जांच की मांग की है। गजेंद्र सिंह शेखावत, विश्वेंद्र सिंह, भंवर लाल शर्मा और सत्येंद्र जैन पर गहलोत सरकार गिराने के लिए साजिश करने का आरोप है।