महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होगा चुनाव, झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग, 23 नवंबर को आएंगे नतीजे

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा। जबकि 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।

Updated: Oct 15, 2024, 04:02 PM IST

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है। केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया। इलेक्शन कमिशन के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा। जबकि 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि झारखंड में दो चरण में मतदान होंगे। पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 22 नवंबर को होगी। जबकि चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। इसी के साथ महाराष्ट्र और झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 'हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के सभी वोटर्स को चुनाव में सशक्त भागीदारी के लिए धन्यवाद। जम्मू-कश्मीर की आवाम ने जम्हूरियत के जश्न को ऐतिहासिक बना दिया है।' उन्होंने बताया कि झारखंड में 24 जिले और 81 विधानसभा सीटें हैं। 5 जनवरी 2025 को टर्म पूरा हो रहा है। 2.6 करोड़ वोटर्स हैं। फर्स्ट टाइम वोटर्स 11.84 लाख हैं। 66.84 लाख वोटर्स हैं। पोलिंग स्टेशन एक लाख 186 पोलिंग स्टेशन हैं। 1.14 लाख वोटर्स 85 प्लस एज के हैं। पोलिंग स्टेशन 29 हजार 562 हैं।

झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर बहुमत हासिल किया था। इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं चुनाव हार गए थे।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में कुल वोटर्स 9.63 करोड़ वोटर्स हैं, जिनमें 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिलाएं हैं। 20-29 साल के 1.85 करोड़ मतदाता हैं। 20.93 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। महाराष्ट्र में विधानसभा सीट की 288 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा यहां 145 है। महाराष्ट्र में महायुती और महाविकास अघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर है। विपक्षी गठबंधन के एक सर्वे में राज्य की 288 सीटों पर MVA यानी महाविकास अघाड़ी को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सहानुभूति है।

महाराष्ट्र में 2019 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन था। बीजेपी ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती। गठबंधन से एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी। हालांकि, सीएम फेस को लेकर भाजपा-शिवसेना में चुनाव के बाद मनमुटाव हो गया। 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ये सुबह-सुबह की शपथ थी। पर बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर 2019 को दोनों ने इस्तीफा दे दिया। 28 नवंबर 2019 को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सत्ता में आई। इसके बाद शिवसेना और एनसीपी में बगावत हुई और 4 दल बने। लोकसभा चुनाव में शरद और उद्धव को बढ़त मिली। इन्हीं सब पृष्ठभूमि में विधानसभा चुनाव होगा।