सीएम शिवराज सिंह परेशान, पीएम मोदी से किसकी करेंगे शिकायत

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Updated: Feb 07, 2022, 03:00 AM IST

हम समवेत मे आज के 'समाचार सारांश' में सुनिए एमपी के अखबारों में छपी खबरें एक साथ। यहां आपको मिलेगी वो खबरें जो आपके लिए जानना महत्वपूर्ण हैं। सिर्फ एक नज़र में 

युवाओं के रोजगार जुटाने की चिंता

राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के नाम पर युवाओं को स्वरोजगार से लगाने स्थापित तीन योजनाओं के स्थान पर मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना 13 मार्च 2021 से प्रारंभ की है।  इस योजना के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले ऋण की गारंटी सरकार द्वारा स्वयं बैंक को दी जाती है। एसएलबीसी की बैठक में वर्ष 2021-22 के लिए 5 हजार युवाओं को स्वरोजगार लगाने के कर्ज देने से लगाने का टारगेट तय किया था जिसमें से मात्र 9 को ही कर्ज दिया गया है। अगले वर्ष 2022 23 के लिए एक लाख युवाओं को लोन दिया जाना है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि बैंकों का रवैया न सुधरा तो वे केंद्र सरकार और आरबीआई से शिकायत करेंगे।

बीजेपी ने बढ़ा दिया चंदा टारगेट 

मध्यप्रदेश भाजपा पार्टी का खर्च चलाने के लिए अब डेढ़ सौ करोड़ रुपए का फंड जुटाने का टारगेट तय कर लिया है। आजीवन सहयोग निधि बतौर एकत्र की जा रही इस राशि का लक्ष्य पहले 100 करोड़ रुपए रखा गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित पदाधिकारियों की बैठक में टारगेट डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया। रविवार को इस समिति की बैठक में फंड जुटाने की कार्ययोजना पर विचार विमर्श किया गया ।


और महंगे हो गए मकान

मध्यप्रदेश में सरकारी प्राधिकरण, बोर्ड और स्मार्ट सिटी जैसी कंपनियों द्वारा अलग-अलग शहरों में बनाए जा रहे मकान, फ्लैट, दुकान और ऑफिस स्पेस खरीदना महंगा हो गया है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने इन एजेंसियों द्वारा तैयार किए जाने वाली किसी भी तरह की प्रॉपर्टी पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी से लागू मान ली गई है। भाग का कहना है कि सरकार के नियंत्रण वाले हाउसिंग बोर्ड और विकास प्राधिकरणों को सरकारी विभागों के साथ 12% के दायरे में रखा गया था। अब इन्हें हटा लिया गया है। इसके बाद अब वे 90% से अधिक नियंत्रण वाले बोर्ड, प्राधिकरण और सरकारी कंपनियों द्वारा ठेकेदारों से जो काम करवाया जाता है, वह स्वत: ही 18% के दायरे में आ गया है।