जापान और अमेरिका में भी बैलट पेपर से ही होते हैं चुनाव, हमें उनसे सीखना चाहिए: अखिलेश यादव

ईवीएम EVM से चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि बैलेट पेपर से चुनाव ही विश्वसनीय तरीक़ा हो सकता है। अमेरिका जैसे विकसित देश में एक महीने चुनाव होता है तो हम क्यों नहीं करा सकते।

Updated: Dec 05, 2023, 03:23 PM IST

लखनऊ। राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली अप्रत्याशित हार ने सभी को चौंका दिया है। इन नतीजों के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। 

अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ईवीएम पर अगर सवाल उठ रहे हैं तो हमें इसके विकल्पों की तरफ जाना चाहिए। हमें अमेरिका और जापान से सीखना चाहिए। वहां पर बैलेट से वोटिंग होती है। एक-एक महीने तक वोटिंग और काउंटिंग चलती रहती है।

इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा था कि जो चुनाव नतीजे सामने आए हैं, उनका गले से नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से सभी लोगों का शंकित, अचंभित व चिंतित होना स्वाभाविक है। क्योंकि, चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम लोगों के गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है।

मायावती ने आगे लिखा कि पूरे चुनाव के दौरान माहौल एकदम अलग व कांटे के संघर्ष जैसा दिलचस्प था। लेकिन चुनाव परिणाम उससे बिल्कुल अलग होकर पूरी तरह से एकतरफा हो जाना, यह ऐसा रहस्यात्मक मामला है जिसपर गंभीर चिंतन व उसका समाधान जरूरी है। लोगों की नब्ज पहचानने में भयंकर 'भूल-चूक' चुनावी चर्चा का नया विषय है।

इधर, कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। दिग्विजय सिंह ने 230 सीटों पर पोस्टल बैलेट के नतीजे भी जारी किए हैं जिसमें स्पष्ट है कि कांग्रेस मतपत्रों की गणना में 199 सीटों पर आगे थी। इतना ही नहीं कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी बीजेपी से 21 फीसदी अधिक था। हालांकि, ईवीएम मशीनों की काउंटिंग के कारण भाजपा 8 फीसदी अधिक वोट लाने में कामयाब हुई। ऐसे में चुनाव नतीजों और ईवीएम पर सवाल उठना लाजिमी है।