पाँचों राज्यों में जारी रहेगा रैलियों पर प्रतिबंध, 31 जनवरी तक फिजिकल रैलियों पर रोक

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते चुनाव आयोग ने रैलियों के आयोजन पर रोक लगायी हुई है

Updated: Jan 22, 2022, 01:23 PM IST

Photo Courtesy : Aaj Tak
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नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते चुनावी राज्यों में रैलियों पर रोक लगी रहेगी। चुनाव आयोग ने इस पाँचों राज्यों में रैलियों के आयोजन पर लगायी रोक को जारी रखने का फैसला किया है। चुनाव आयोग ने शनिवार को हुई बैठक में चुनावी राज्यों में आयोजित होने वाली रैलियों पर रोक एक हफ्ते के लिये बढ़ा दी है। पाँचों राज्यों में 31 जनवरी तक रोक जारी रहेगी।

हालांकि चुनाव आयोग ने थोड़ी ढील देने का भी फैसला किया है। चुनाव आयोग ने डोर टू डोर कैंपेन के लिये पाँच लोगों की निर्धारित संख्या को बढ़ाकर दस कर दिया है। यह छूट पहले चरण के उम्मीदवारों को 28 जनवरी से मिलेगी। वहीं दूसरे चरण के उम्मीदवार इस छूट का लाभ 1 फरवरी से उठा पायेंगे। लेकिन चुनाव आयोग के आगामी आदेश तक फिजिकल रैलियां पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगी।

शनिवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा की अध्यक्षता में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में चुनावी राज्यों में रैलियों पर प्रतिबंध को जारी रखने पर सहमति बनी है। बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिव से कोरोना की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण के आंकड़े के बारे में जानकारी ली। इसकी जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ समीक्षा बैठक हुई। जिसमें रैलियों पर लगी रोक को बरकरार रखने का फैसला किया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग मतदान शुरु होने से एक हफ्ते पहले थोड़ी ढील ज़रूर दे सकता है, लेकिन तब भी रैलियों और रोड शो को लेकर पूरा नियंत्रण चुनाव आयोग के पास ही रहेगा। मीडिया रिपोर्ट्स में चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि आयोग विशेष तौर पर मणिपुर में टीकाकरण की सुस्त रफ्तार से असंतुष्ट है, इसलिये आयोग ने अभी रैलियों और रोड शो पर जारी प्रतिबंध को जारी रखने का फैसला किया है।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। सबसे ज़्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं। इस लिहाज़ से चुनावी प्रक्रिया में सबसे अधिक समय भी उत्तर प्रदेश में ही लगने वाला है। यूपी में कुल सात चरणों में मतदान होने हैं।