भूपेश बघेल ने केंद्र से मांगा छग का अधिकार
भूपेश बघेल ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर यह मांग की है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर कोयले पर 4140.20 करोड़ की अतिरिक्त लेवी राशि देने का अनुरोध किया है ताकि राज्य अच्छे तरीके से कोविड-19 महामारी और इससे पैदा हुई परिस्थितियों का मुकाबला कर सके. इस मामले को लेकर भूपेश बघेल ने यह दूसरा पत्र लिखा है.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “प्रदेश के निरस्त किए गए कोल ब्लाकों में से कुल आठ पूर्व कोल ब्लॉक आवंटतियों से कोयला खानों में निकाले गए कोयले के लिए रुपये 295 प्रति मीट्रिक टन की दर से लगभग 4140.20 करोड़ से भी अधिक वसूल की गई राशि को राज्य हित में उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया गया था. इस पर केंद्रीय कोयला मंत्रालय की कार्यवाही से मैं अवगत नहीं हूं.”
Chhattisgarh CM has written to Union Minister Prahlad Joshi demanding additional levy amount of Rs 4140.21 crore on coal from the Centre. Letter states," The amount will enable state govt to work effectively towards prevention of COVID19 and situation arising from it". pic.twitter.com/9TjDi0J5WA
— ANI (@ANI) May 10, 2020
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि कोल माइन्स एक्ट, 2015 के सेक्शन 14(5) के तहत अतिरिक्त लेवी केंद्र सरकार एकत्र करती है, वहीं कोल माइन्स नियम, 2014 का सेक्शल 18 कहता है कि इस अतिरिक्त लेवी को केंद्र सरकार आवंटतियों को देगी.
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मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 24 सितंबर 2014 को दिए गए उस फैसले का भी जिक्र किया है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा वसूली गई अतिरिक्त लेवी अंतत: राज्य सरकार को देने की बात कही गई है.
भूपेश बघेल ने पत्र में आठ कोल ब्लॉक आवंटतियों का भी जिक्र किया है. जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड से सबसे ज्यादा 2082.23 करोड़ की अतिरिक्त लेवी ली गई है.
भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा, “भारत के संविधान के अनुच्छेदज 1, 246, 294, 297 के प्रावधानों, खान एवं खनिज अधिनियम 1957, खनिज रियायत नियम 2016 और छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (1) के अनुसार खनिज पर राज्य सरकार के स्वामित्व होने और खनिज पर राज्य सरकारों के पक्ष में लेवी और दूसरे कर वसूलने का प्रावधान है.”