बिहार बोर्ड: एग्जाम से पहले वायरल हुआ पेपर, बोर्ड ने रद्द की परीक्षा, तीन बैंककर्मी गिरफ्तार

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में हुए पेपर लीक को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है, सीएम की फटकार के बाद बोर्ड ने परीक्षा रद्द कर दी है, पेपल लीक करने वाले बैंककर्मी भी गिरफ्तार

Updated: Feb 20, 2021, 07:53 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
Photo Courtesy: Amar Ujala

पटना। बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में हुए पेपर लीक को लेकर बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार बोर्ड ने सोशल साइंस के पेपर को रद्द कर दिया है। बोर्ड ने यह फैसला सीएम नीतीश कुमार की फटकार के बाद लिया है। बताया जा रहा है कि 8 मार्च को अब दुबारा परीक्षा होगी। इसके पहले कल एग्जाम शुरू होने के पहले ही सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र तेजी से वायरल हो रहा था। सामाजिक विज्ञान के प्रथम पाली की इस परीक्षा में 8 लाख 46 हजार 504 परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

पुलिस को शक है कि मैट्रिक परीक्षा के तीसरे दिन यानी शुक्रवार को प्रथम पाली सामाजिक विज्ञान की परीक्षा का प्रश्न पत्र सुबह 8:00 बजे ही लीक हो गया। मामले में जमुई के जिला अधिकारी अवनीश कुमार सिंह को गुप्त सूचना मिली कि शहर के कचहरी चौक स्थित एसबीआई की मेन ब्रांच शाखा से ही प्रश्नपत्र लीक हुआ है। सूचना के आधार पर की गई छापेमारी में तीन एसबीआई कर्मचारी को हिरासत में लिया गया। जमुई डीएम ने बताया कि बैंक के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद कर्मी की संलिप्तता सामने आई है, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

दरअसल, शुक्रवार को सोशल साइंस विषय की परीक्षा होने से घंटों पहले प्रश्न पत्र लीक हो गया था और तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। प्रश्न पत्र के वायरल होते ही बिहार बोर्ड में हड़कंप मच गया। इसके बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पेपर लीक मामले को विधानसभा में भी उठाया था। 

तेजस्वी यादव ने विधानसभा में दावा किया कि सारे विषय के पेपर लीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा, 'बिहार में कोई भी ऐसी परीक्षा नहीं,जिसमें कोई धांधली नहीं हुई हो। कोरोना में पूरे साल स्कूलों में पढ़ाई हुई नहीं, ऊपर से बिना तैयारी करवाए समय पर परीक्षा। अब तक हुए मैट्रिक के तीनों में से तीनों पेपर लीक हो चुके है लेकिन CM और मंत्री को जानकारी ही नहीं। सब हमें ही बताना पड़ता है।'

पेपर लीक को लेकर शुरुआत में बोर्ड की ओर से मीडिया के सामने अपना पक्ष नहीं रखा गया था। हालांकि, बाद में सीएम नीतीश ने बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोक को जमकर फटकार लगाई जिसके बाद बोर्ड ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। बोर्ड ने बताया कि प्रश्न पत्र क्रमांक 111-0470581 किसी व्यक्ति के व्हाट्सऐप से वायरल हुआ था। जांच में पता चला है कि एसबीआई कर्मी विकास के रिश्तेदार परीक्षा दे रहे थे इसलिए उसने पेपर लीक कर उन्हें व्हाट्सऐप पर भेजा था।