मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या, इस घटना की न्यायिक जाँच हो: अखिलेश यादव

पन्ना जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने सपा प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं करने के चलते निरस्त कर दिया। इसे लेकर विपक्ष हमलावर है।

Updated: Apr 05, 2024, 06:57 PM IST

खजुराहो। मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया है। इस मामले को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। अखिलेश यादव ने सपा प्रत्याशी मीरा यादव के नामांकन निरस्त किए जाने को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है और मामले में न्यायिक जांच की मांग की है।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखनेवाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे।'

अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जाँच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है। 

मामले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की भी प्रतिक्रिया आई है। पटवारी ने कहा कि नामांकन निरस्त नहीं हुआ बल्कि इसे निरस्त किया गया है।उन्होंने कहा कि खजुराहो लोकसभा से इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना लोकतंत्र की हत्या है। इसके लिए भी सिर्फ भाजपा ही जिम्मेदार और पूरी तरह से जवाबदेह है।आश्चर्य का विषय है कि हस्ताक्षर नहीं थे, तो फिर जांच अधिकारी ने फॉर्म कैसे ले लिया? जो भाजपा कैमरे के सामने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत को, हार बता सकती है, उसके लिए नामांकन फॉर्म में "खेल" करना, बाएं हाथ का खेल है।

पटवारी ने कहा कि ईमानदार/पारदर्शी चुनाव व्यवस्था से भाजपा का भरोसा उठ गया है! इसीलिए, देश लोकतंत्र और संविधान की अवमानना का सबसे गंभीर दौर देख रहा है। खजुराहो का घटनाक्रम इसी तानाशाही का हिस्सा है। इससे पहले कि भारत में प्रजातंत्र की मौलिक परिभाषा ही बदल जाए, इस घटना की त्वरित और परिणामदायक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी ही चाहिए। पर्चा निरस्त करने का "लोकतांत्रिक-अपराध" करने वाले तत्काल दंडित भी होना चाहिए।'

बता दें कि पन्ना जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने मध्य प्रदेश की खुजराहो सीट से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं करने के चलते निरस्त कर दिया। खजुराहो की सीट कांग्रेस की ओर से गठबंधन के सहयोगी समाजवादी पार्टी को दी गई थी। सपा प्रत्याशी मीरा यादव विधायक रह चुकी हैं। उनके पति दीप नारायण सिंह यादव भी दो बार विधायक रह चुके हैं। बहरहाल, विपक्ष इस मामले में कोर्ट जाने की तैयारी में है।