Bihar Election 2020 : डिजिटल प्रचार योजना का 9 विपक्षी दलों ने किया विरोध

Eection Commission of India : चुनाव आयोग का डिजिटल प्रचार पर जोर, विपक्ष ने कहा केवल 34 फीसदी मतदाताओं के पास है स्मार्टफोन

Publish: Jul 18, 2020, 06:06 AM IST

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) द्वारा 65 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट सुविधा देने के फैसले को बदलने के बाद अब राजनीतिक पार्टियां डिजिटल प्रचार-प्रसार के कदम का विरोध कर रहीं हैं। बिहार के नौ विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग की इस योजना का विरोध किया है। आयोग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव प्रचार के पारंपरिक तौर तरीकों पर प्रतिबंध लगाया गया है। आयोग ने डिजिटल प्रचार-प्रसार के माध्यम से चुनाव अभियान चलाने को कहा गया है।

शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित विपक्षी पार्टियों की बैठक में सर्वसम्मति से डिजिटल अभियान आयोजित करने के फैसले का विरोध किया गया। विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपकर आयोग से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि, 'टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार केवल 34 फीसदी मतदाता स्मार्टफोन यूज करते हैं ऐसे में यदि सिर्फ डिजिटल अभियान होगा तो लगभग दो-तिहाई मतदाता छूट जाएंगे। इस स्थिति में चुनाव केवल एक औपचारिकता होगी और यह फैसला लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर आघात होगा। चुनाव अभियान के सिर्फ एक मोड़ को आधिकारिक रूप से वैध करने का यह अनुपात अनोखा है और इससे पार्टियों की पहुंच को कम किया जा रहा है।'

इन राजनीतिक दलों ने आयोग से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया है कि यह कौन सुनिश्चित करेगा कि चुनाव से महामारी नहीं फैलेगी। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कहा, 'आयोग के पास WHO और ICMR द्वारा निर्देशित 2 मीटर की फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की क्या योजना है?

दिल्ली में आयोजित इस बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल, राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा, भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्जी, आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, भाकपा महासचिव डी राजा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी व अन्य लोग शामिल थे। बता दें कि इसके पहले इन पार्टियों ने 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को पोस्टल बैलट सुविधा देने की योजना का भी विरोध किया था।