वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा बिल
कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराए जाएं।
नई दिल्ली। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल शीतकालीन सेशन में पार्लियामेंट में पेश किया जाएगा। देश के पूर्व राष्ट्रपति ने रामनाथ कोविंद की अगुआई में गठित कमेटी ने इस संबंध में रिपोर्ट तैयार की है।
वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है।
पैनल 2 सितंबर 2023 को बनाया गया था। कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है।
बुधवार कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराए जाएं।17 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार इसी कार्यकाल में 'वन नेशन वन इलेक्शन' लागू करेगी। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा पैदा कर रहे हैं।
कोविंद कमेटी के सुझाव
* सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
* हंग असेंबली (किसी को बहुमत नहीं), नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
* पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं।
* चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा।
* कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।