बिहार में 5 सीटें जीतकर ओवैसी के हौसले बुलंद, पश्चिम बंगाल और यूपी में भी चुनाव लड़ने का इरादा

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, देश भर में चुनाव लड़ेगी उनकी पार्टी, बीजेपी विरोधी वोटों के बंटवारे का लगता है आरोप

Updated: Nov 12, 2020, 05:06 AM IST

Photo Courtesy : Aaj Tak
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हैदराबाद। बिहार विधानसभा चुनाव में पांच विधानसभा सीटें जीतने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने अब पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ने का एलान किया है। उनका यह एलान बीजेपी के खिलाफ धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ने वाले राजनीतिक दलों के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात है, क्योंकि आम तौर पर माना जाता है कि ओवैसी के चुनाव लड़ने से बीजेपी को फायदा होता है। बिहार में भी ओवैसी के चुनाव लड़ने से आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन को नुकसान और बीजेपी को फायदा होने की बात कही जा रही है।

जानकारों का मानना है कि अगर सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी फैक्टर नहीं चलता तो शायद बिहार के सिंहासन पर बैठने का मौका तेजस्वी यादव को मिल सकता था। ऐसा इसलिए क्योंकि AIMIM को जीत ज्यादातर उन्हीं सीटों पर मिली है, जिन पर अब से पहले कांग्रेस और आरजेडी का कब्जा रहा है।

हालांकि ओवैसी बीजेपी विरोधी दलों के वोट बांटने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर भड़क उठते हैं। हर बार की तरह इस बार भी मीडिया ने जब उनसे ये सवाल किया तो ओवैसी ने यही कहा कि मैं एक राजनीतिक दल चला रहा हूं, जिसे देश भर में कहीं भी चुनाव लड़ने का अधिकार है। उनसे जब पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी अन्य राज्यों में भी चुनाव लड़ेगी, तो उन्होंने कहा, ''आपका मतलब है कि हमें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए? मैं पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और देश में हर चुनाव लड़ूंगा। मुझे क्या चुनाव लड़ने के लिए किसी से मंज़ूरी लेने की ज़रूरत है।''

हालांकि उन्होंने यह साफ़ नहीं किया कि उनकी पार्टी इन राज्यों में अकेले चुनाव लड़ेगी या दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन करेगी। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ज़रूर लड़ेगी। यह तो समय ही बताएगा कि हम किसके सहयोगी होंगे। ओवैसी ने इस बारे में खुलकर कुछ भले ही न कहा हो, लेकिन अब तक का इतिहास बताता है कि वो या तो अकेले चुनाव लड़ते हैं या फिर बिहार की तरह किसी ऐसे गठबंधन का हिस्सा बनते हैं जो बीजेपी का मुक़ाबला कर रहे मुख्य विपक्षी दल या गठबंधन के वोटों में सेंध लगाता है। वो बीजेपी के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने वाली मुख्य विपक्षी ताक़त और मज़बूत करने का काम कभी नहीं करते।

कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिहार में AIMIM को वोट कटवा पार्टी कहे जाने का जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि ओवैसी ने अपने इलाके में मुसलमानों के लिए क्या काम किया है? ओवैसी ने अधीर रंजन को चेतावनी देने वाले लहज़े में कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए पश्चिम बंगाल भी आ रही है।

ओवैसी की पार्टी ने 'ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट' के साथ मिलकर बिहार की 20 सीटों पर चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी शामिल थीं। ओवैसी की पार्टी ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें से ज्यादातर पर तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान हुआ था। बिहार चुनाव के नतीजों के आंकड़े बताते हैं कि तीसरे चरण में ही एनडीए का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा। यही वजह है कि कांग्रेस और अन्य पार्टियां ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की ‘बी टीम’ बताती हैं और बीजेपी विरोधी वोट बांटने के लिए ओवैसी की आलोचना करती रही हैं।