इंडिया नहीं इसे घमंडिया गठबंधन कहिए, विपक्षी गठबंधन पर पीएम मोदी का तंज

बिहार के सांसदों से पीएम मोदी ने कहा कि हमें जातिवाद की राजनीति नहीं करनी है। सांसदों को हर विषय पर बोलना जरूरी नहीं, कुछ लोग चंद्रयान पर भी ज्ञान दे देते हैं। ज्ञान न बांटें।

Updated: Aug 04, 2023, 02:45 PM IST

नई दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तैयारियों में जुटे हुए हैं। ऐसे में जमकर एक-दूसरे पर हमले हो रहे हैं। ताजा हमला प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन "इंडिया"(I.N.D.I.A) पर किया है। पीएम मोदी ने बिहार के एनडीए सांसदों से बैठक के दौरान कहा, "इस गठबंधन को इंडिया न कहें, घमंडिया गठबंधन कहें।"

लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी NDA के सांसदों से मिल कर उनसे फीडबैक ले रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने बिहार के एनडीए के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। हमने (NDA) कम सीटें आने के बावजूद उन्हें (नीतीश कुमार) को मुख्यमंत्री बनाया। बीजेपी ने उन्हें 3 बार CM बनवाया। इस बार कम सीटें आने के कारण वे डिजर्व नहीं करते थे, लेकिन फिर भी उन्हें सीएम बनाया गया। यही एनडीए की त्याग भावना है और एनडीए ही स्थिर सरकार दे सकता है। आप चुनाव में सरकार के हर काम को एनडीए का काम बताएं। 

पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि जो भी दल एनडीए को छोड़कर गए, वो अपने स्वार्थ के लिए गए। अकाली दल ख़ुद के लिए एनडीए छोड़कर गया। एनडीए सांसदों को सुझाव देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें जातिवाद की राजनीति से ऊपर उठ कर सर्व समाज का नेता बनने के लिए काम करना चाहिए। PM ने सांसदों से कहा कि जनता का काम करने से पहले आप उनकी जाती और धर्म मत देखिए ये मत सोचिए कि वो फला जाती का है और मुझे वोट नहीं देता है तो मैं उसका काम नहीं करूंगा, आप सबके सांसद है और आप लोग सबका काम करिए।

प्रधानमंत्री ने सांसदों से को नसीहत देते हुए कहा कि सांसदों को हर विषय पर बोलना जरूरी नहीं, कुछ लोग चंद्रयान पर भी ज्ञान दे देते हैं। ऐसे लोग ज्यादा ज्ञान न बांटें। इस दौरान PM ने सुषमा स्वराज जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज को क्या ज्ञान या समझ नहीं थी, लेकिन वे तभी बोलती थीं, जब पार्टी उन्हें कहती थी।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज NDA की सरकार में 12 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर लाया गया है। यूपीए के पास केवल एक योजना थी मनरेगा, आपके पास सौ से ज्यादा योजनाएं हैं, आप अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों को इनके बारे में जानकारी दें।