केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर घटाई एक्साइज ड्यूटी, पेट्रोल साढ़े 9 रुपए और डीजल 7 रुपए सस्ता हुआ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर से 8 रुपए और डीजल पर से 6 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला लिया है, यह फैसला आज रात 12 बजे से यह लागू होगा

Updated: May 22, 2022, 04:05 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का सामना कर रहे देशवासियों को केंद्र सरकार ने मामूली राहत दी है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर से 8 रुपए और डीजल पर से 6 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है। यह फैसला आज रात 12 बजे से देशभर में लागू होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा कि, 'हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर कम कर रहे हैं। इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी। इससे सरकार का लगभग 1 लाख करोड़ प्रतिवर्ष का राजस्व घटेगा।'

वित्त मंत्री घरेलू गैस सिलेंडर के संबंध में कहा कि, 'इस वर्ष हम प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को ₹ 200 प्रति गैस सिलेंडर 12 सिलेंडर तक की सब्सिडी देंगे। इससे हमारी माताओं और बहनों को मदद मिलेगी। इस फैसले से केंद्र सरकार का सालाना लगभग 6100 करोड़ का राजस्व प्रभावित होगा।' ऐसे में स्पष्ट है कि यह सब्सिडी सभी को नहीं बल्कि सिर्फ उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने ट्वीट थ्रेड में लिखा है कि, 'हम प्लास्टिक उत्पादों के लिए कच्चे माल और बिचौलियों पर सीमा शुल्क भी कम कर रहे हैं, जहां हमारी आयात निर्भरता अधिक है। इससे उत्पादों की लागत में कमी आएगी। इसी तरह हम लौह और इस्पात के लिए कच्चे माल और बिचौलियों पर उनकी कीमतों को कम करने के लिए सीमा शुल्क को कम कर रहे हैं। स्टील के कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क कम किया जाएगा। हालांकि, कुछ स्टील उत्पादों पर निर्यात शुल्क लगाया जाएगा।'

उन्होंने केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए लिखा कि, 'प्रधानमंत्री मोदी ने निर्मला सीतारमण ने कहा जब से जिम्मा संभाला है, सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित। हमने गरीबों और मध्यम वर्ग की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं।' उन्होंने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान औसत महंगाई पिछली सरकारों की तुलना में कम रही है। हालांकि, आंकड़े इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं।

बता दें कि देश में पिछले महीने यानी अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 8 साल के उच्चतम स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई थी। खुदरा महंगाई के आंकड़ों में यह बढ़ोतरी खाने-पीने की चीजों के अलावा ईंधन की बढ़ती कीमतों के चलते हुई। लगातार बढ़ रही महंगाई को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। बढ़ते विरोध को देखते हुए शनिवार को आखिरकार केंद्र ने देशवासियों को मामूली राहत देने का निर्णय लिया।