13 और एयरपोर्ट्स को बेचने की तैयारी, बड़े एयरपोर्ट्स के साथ नीलामी में मिलेंगे छोटे एयरपोर्ट्स

13 हवाईअड्डों की नीलामी को मिली केंद्र सरकार की मंजूरी, स्टैंड एलोन के बजाए होगी पैकेज डील, बोली लगाने वालों को बड़े एयरपोर्ट्स के साथ मिलेंगे छोटे एयरपोर्ट

Updated: Sep 09, 2021, 04:12 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने निजीकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ाया है। देश के कई एयरपोर्ट्स को नीलाम कर चुकी केंद्र सरकार ने 13 और एयरपोर्ट्स को निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने इन एयरपोर्ट्स के निजीकरण के फैसले को स्वीकृति दे दी है। माना जा रहा है कि अगले साल तक इन 13 एयरपोर्ट्स की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

खास बात यह है कि सरकार बोली लगाने वाले उद्योगपतियों के लिए इस बार पैकेज डील लेकर आई है। इसे एक पर एक फ्री के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, केंद्र ने 6 बड़े एयरपोर्ट्स को 7 छोटे एयरपोर्ट्स के साथ क्लब कर दिया है। यानी कि नीलामी के दौरान बड़े एयरपोर्ट्स के साथ छोटे एयरपोर्ट भी दिए जाएंगे।

गुरुवार को सरकार द्वारा जिन 6 बड़े एयरपोर्ट्स के नीलामी की मंजूरी मिली है उनमें अमृतसर, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर, त्रिची और वाराणसी शामिल हैं। वहीं इनके साथ जो 7 एयरपोर्ट क्लब किए गए हैं उनमें हुबली, तिरुपति, औरंगाबाद, जबलपुर, कांगड़ा, कुशीनगर और गया शामिल है।

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एयरपोर्ट्स को जोड़ने का अर्थ यह है कि इन्वेस्टर्स यानी खरीददारों के लिए पैकेज डील दिया गया हैं। पैकेज के तहत वाराणसी के साथ कुशीनगर और गया, अमृतसर के साथ कांगड़ा, भुवनेश्वर के साथ तिरुपति, रायपुर के साथ औरंगाबाद, इंदौर के साथ जबलपुर और त्रिची के साथ हुबली की नीलामी होगी। आसान शब्दों में कहें तो यदि कोई उद्योगपति रायपुर की बोली लगाता है तो औरंगाबाद का लीज भी उसे ही मिलेगा। सरकार को उम्मीद है कि इन 13 एयरपोर्ट्स बेचकर उसे लगभग 3 हजार 700 करोड़ रुपए का मुनाफा होगा।

बता दें कि इसके पहले केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाने वाले गुजराती कारोबारी अडानी की कंपनी के हाथों कई एयरपोर्ट्स को नीलाम कर चुकी है। अडानी ग्रुप जल्द ही जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को टेक ओवर करने वाली है।