चीफ जस्टिस बोबडे ने न्याय कौशल केंद्र का किया उद्घाटन, ऑनलाइन दायर की जा सकेगी याचिका

नागपुर ज़िले के काटोल में न्याय कौशल केंद्र स्थापित किया गया है, यह देश का पहला न्याय कौशल केंद्र है

Updated: Oct 31, 2020, 07:37 PM IST

Photo Courtesy : Twitter
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नागपुर। देश में न्यायिक व्यवस्था को गति देने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने महाराष्ट्र के नागपुर में देश के पहले न्याय कौशल केंद्र का उद्घाटन किया। न्याय कौशल केंद्र के कारण अब सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट  में ऑनलाइन माध्यम से याचिका दाखिल की जा सकेगी। जुडिशियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में आयोजित उद्घाटन समारोह में चीफ जस्टिस मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।  

मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा ,COVID - 19 महामारी ने हमें नए और पुराने के संयोजन के साथ एक नए काम के माहौल के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया है। बोबडे ने कहा, किसी को भी विश्वास नहीं था कि 4 सप्ताह की अवधि में एक विशाल कार्य पूरा किया जा सकता है। बोबडे के अलावा इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस भूषण गवई, बंबई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस ए.ए. सईद, जस्टिस रवि देशपांडे, जस्टिस नितिन जमादार और जस्टिस आरके शिंदे भी मौजूद थे। जस्टिस चंद्रचूड़ उद्घाटन समारोह में वर्चुअल लिंक के जरिए शामिल हुए। 

हमें गर्व है कि मुख्य न्यायाधीश का सपना सच हो गया: न्यायमूर्ति देशपांडे 

न्यायमूर्ति रवि देशपांडे ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 'हमें गर्व है कि नागपुर में ई-रिसोर्स सेंटर के लिए सीजेआई का सपना सच हो गया है।नागपुर से उनका विशेष जुड़ाव नागपुरियों के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही देशपांडे ने  इतने कम समय में बॉम्बे हाई कोर्ट के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से जुड़े रहने के लिए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता का आभार जताया। 

न्यायमूर्ति नितिन जमादार ने अपने संबोधन में कहा कि न्याय के लिए इस तकनीकी पहुँच को आकार देने में बहुत सारे लोगों का योगदान है। सभी ने इसके लिए अथक प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यह न्याय प्रणाली में डिजिटल क्रांति है। जस्टिस जमादार ने अब कई मजिस्ट्रेट परिवहन से संबंधित मामलों से मुक्त होंगे, क्योंकि एक ही मजिस्ट्रेट को यह कार्य आवंटित किया जाएगा और प्रशासनिक कार्य वर्चुअल कोर्ट द्वारा किया जाएगा।