दिवंगत नेता से राजनीतिक प्रतिशोध, अहमद पटेल पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर PM मोदी पर बरसी कांग्रेस
गुजरात पुलिस के हलफनामे में कहा गया है कि अहमद पटेल ने गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी सरकार को गिराने की साजिश रची थी

अहमदाबाद। गुजरात पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार को गिराने की साजिश रची थी। गुजरात पुलिस ने इसे मोदी सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश करार देते हुए कहा है कि तीस्ता सीतलवाड़ भी इस साजिश का हिस्सा थीं।
कांग्रेस ने पार्टी के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल के खिलाफ लगाए जा रहे सभी आरोपों का खंडन किया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इस संबंध में बयान भी जारी किया है। जयराम रमेश की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'कांग्रेस पार्टी अहमद पटेल पर लगाए गए आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करती है। यह साल 2002 में सांप्रदायिक नरसंहार के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में किसी भी जिम्मेदारी से खुद को मुक्त करने के लिए प्रधान मंत्री की व्यवस्थित रणनीति का हिस्सा है। इस नरसंहार को नियंत्रित करने की अनिच्छा और अक्षमता की वजह से ही भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके राजधर्म की याद दिलाई थी।'
Statement Issued by @Jairam_Ramesh , General Secretary In- Charge, Communications, AICC pic.twitter.com/vZo55UcDcN
— Congress (@INCIndia) July 16, 2022
कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि, 'प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध मशीन उन दिवंगत लोगों को भी नहीं बख्शती जो उनके राजनीतिक विरोधी थे। यह एसआईटी अपने सियासी आका की धुन पर नाच रही है और जहां कहा जाएगा, वहां बैठ जाएगी। हम जानते हैं कि कैसे एक पूर्व एसआईटी प्रमुख को मुख्यमंत्री को 'क्लीन चिट' देने के बाद पुरस्कृत किया गया था।'
SIT ने अपने एफिडेविड में कहा कि अहमद पटेल और तीस्ता के साथ इस साजिश में उस वक्त गुजरात के DGP रहे आरबी श्रीकुमार और पूर्व IPS संजीव भट्ट भी शामिल थे। इन लोगों ने गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी। तीस्ता ने इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल से 30 लाख रुपए लिए थे।
SIT के इस दावे के बाद बीजेपी ने भी कांग्रेस को निशाने पर लिया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गुजरात दंगे में जिस तरह कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने की साजिश रची परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है। SIT का एफिडेविट कहता है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके साथी राजनीतिक मंसूबे के साथ काम कर रहे थे। इनके 2 मकसद थे। पहला- गुजरात की तब की सरकार को अस्थिर किया जाए और दूसरा- बेगुनाह लोगों को इसमें शामिल किया जाए। जिसमें नरेंद्र मोदी का भी नाम शामिल है।'
इस मामले में अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने कहा कि गुजरात चुनाव से पहले तो ये होना ही था। इस मामले को 20 साल हो गए। मेरे पिता जीवित थे तब कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? चुनाव की वजह से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। पिछले 1.5 साल से मेरे पिता को बदनाम किया जा रहा है। हर चुनाव से पहले कुछ न कुछ मुद्दा उछाला जाता है।