कांग्रेस का कल्चर है छोटा सोचना, हमारा पॉलिटिकल कल्चर है बड़े सपने देखना: BJP के स्थापना दिवस पर पीएम मोदी

भारतीय जनता पार्टी के 43वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में हनुमान जयंती और बीजेपी के स्थापना दिवस के संयोग का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत बजरंगबली जी की तरह अपने भीतर सूक्त शक्तियों का आभास कर चुका है।

Updated: Apr 06, 2023, 03:06 PM IST

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 43वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी देशभर में जश्न मना रही है। इस मौके पर 10 लाख से ज्यादा स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को 45 मिनट तक संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी संस्कृति परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद की रही है, जबकि बीजेपी की राजनीतिक संस्कृति प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर चलने की है।

पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में हनुमान जयंती और बीजेपी के स्थापना दिवस के संयोग का जिक्र करते कहा कि आज भारत बजरंगबली जी की तरह अपने भीतर सूक्त शक्तियों का आभास कर चुका है। उन्होंने कहा, 'हनुमान जी के पास असीम शक्ति है, लेकिन इस शक्ति का इस्तेमाल वो तभी कर पाते हैं जब स्वयं पर से उनका संदेह समाप्त हो जाता है। 2014 से पहले भारत की भी यही स्थिति थी... लेकिन आज भारत बजरंगबली जी की तरह अपने भीतर सूक्त शक्तियों का आभास कर चुका है।'

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इस दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘परिवार वाद, वंशवाद, और क्षेत्र वाद की वंशज है सभी पार्टियां। कांग्रेस जैसी पार्टियों का कल्चर छोटा करना, छोटे सपने देखना और एक दूसरे की पीठ थपथपाने में ही खुश रहते हैं। भाजपा का पॉलिटिकल कल्चर है बड़े सपने देखना और उस से भी ज्यादा हासिल करने के लिए जी-जान से जुट जाना। हम शरीर का कण-कण और समय का पल-पल खपाने का हौसला रखते हैं।'

पीएम मोदी ने आगे कहा, '2014 में केवल सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ... 2014 में भारत के लोगों ने भारत के पुनर्जागरण की नई यात्रा का शंखनाद कर दिया है। 800 साल से ज्यादा की गुलामी से बाहर निकल कर एक राष्ट्र अपना खोया हुआ गौरव पाने के लिए फिर से उठ खड़ा हुआ है। इस प्रक्रिया में दशकों से चली आ रही बुराइयां धीरे-धीरे कमजोर पड़ती जा रही हैं। सन् 47 में अंग्रेज भले ही चले गए लेकिन लोगों को गुलाम रखने की मानसिकता यहीं छोड़ गए। आजादी के बाद देश में ऐसा वर्ग खूब फला-फूला जो सत्ता को अपना जन्मजात हक़ समझता था।'

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प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा, 'भाजपा सामाजिक न्याय को जीती है...इसकी भावना का अक्षरश: पालन करती है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलना सामाजिक न्याय का प्रतिबिंब है। 50 करोड़ गरीबों को बिना भेदभाव 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलना सामाजिक न्याय की सशक्त अभिव्यक्ति है। 45 करोड़ गरीबों के बिना भेदभाव जनधन खाते खोलना सामाजिक न्याय के Inclusive Agenda का जीता जगता उदहारण है। 11 करोड़ लोगों को शौचालय मिलना ही तो सामाजिक न्याय है। बिना तुष्टिकरण और भेदभाव किए भाजपा सामाजिक न्याय के इरादों को सच्चे अर्थों में साकार करने वाला एक पर्याय बन कर उभरी है।