पतंजलि के दिव्य दंत मंजन में कटलफिश बोन का इस्तेमाल, रामदेव की कंपनी को मिला लीगल नोटिस

नॉन वेजिटेरियन पदार्थ के इस्तेमाल के बावजूद पतंजलि ने अपने प्रोडक्ट पर ग्रीन यानी वेजिटेरियन का लेबल दिया है, इसे लेकर दिल्ली की एक वकील ने पतंजलि को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

Updated: May 27, 2023, 06:17 PM IST

नई दिल्ली। मल्टीनेशनल कंपनी पतंजलि के डेंटल केयर प्रोडक्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। कंपनी दिव्य दंत मंजन में कटलफिश बोन का इस्तेमाल करती है। जबकि मंजन की पैकेजिंग पर कंपनी ने हरा साइन लगाया है, जो प्रोडक्ट के पूरी तरह से शाकाहारी होने का साइन है। इस मामले में दिल्ली की एक वकील ने पतंजलि को लीगल नोटिस भेजा है।

पतंजलि को ये लीगल नोटिस एडवोकेट शाशा जैन ने भेजा है। इस नोटिस में कंपनी से 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। ट्विटर पर शेयर किए पोस्ट में शाशा ने 'दिव्य दंत मंजन' और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले इंग्रीडिएंट्स की फोटो भी शेयर की है। शाशा ने कहा, 'यह हमारे समुदाय और अन्य शाकाहारी समुदायों की भावनाओं को आहत करने वाला है।'

शाशा जैन ने कहा कि दिव्य दन्त मंजन में नॉन वेजिटेरियन इंग्रीडिएंट समुद्र फेन का उपयोग और इसकी वेजिटेरियन प्रोडक्ट के रूप में मार्केटिंग और सेलिंग, कंज्यूमर राइट्स और लेबलिंग रेगुलेशंस का उल्लंघन है। शाशा ने कहा, 'मैं खुद आपकी कंपनी के कई प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हूं, लेकिन अब मैं पतंजलि प्रोडक्ट्स को यूज करने में असहज महसूस करती हूं।'

पतंजलि की वेबसाइट पर दिव्य दंत मंजल में इस्तेमाल होने वाली इंग्रीडिएंट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि इस उत्पाद में 4.40 ग्राम समुद्र फेन का इस्तेमाल हुआ है। बता दें कि समुद्र फेन कटलफिश की हड्डियों से निकाला गया एक पदार्थ है। मछली के मरने के बाद उसकी हड्डी समुद्र के पानी पर तैरने लगती है। जब समुद्र के पानी की सतह पर बड़ी संख्या में हड्डियां एक साथ तैरती हैं, तो दूर से यह समुद्र के पानी के झाग जैसा दिखता है।  

पतंजलि अपने प्रोडक्ट्स को लेकर अक्सर विवादों में रहा है। पिछले साल उत्तराखंड में आयुर्वेदिक और यूनानी सेवा के अधिकारियों ने पतंजलि को 5 दवाओं का उत्पादन रोकने को कहा था। इस मामले पर पंतजिल ने कहा था कि इसमें आयुर्वेद विरोधी ड्रग माफियाओं का हाथ है।