जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का फैसला बरकरार, राज्य में सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश

फैसला सुनाते हुए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा अनुच्‍छेद 370 निरस्त करने का आदेश संविधानिक तौर पर वैध अभ्यास है। हम 370 को निरस्त करने में कोई दुर्भावना नहीं पाते हैं।

Updated: Dec 11, 2023, 12:17 PM IST

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला बरकार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। इसी के साथ न्यायालय ने राज्य में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा जितने जल्दी हो सके दिया जाए और वहां पर चुनाव कराए जाएं। जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव हों और जल्द से जल्द स्टेटहुड वापस किया जाए।

फैसला सुनाते हुए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा अनुच्‍छेद 370 निरस्त करने का आदेश संविधानिक तौर पर वैध अभ्यास है। हम 370 को निरस्त करने में कोई दुर्भावना नहीं पाते हैं।हालांकि, न्यायालय ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा है। CJI ने कहा कि केंद्र की तरफ से लिए गए हर फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। ऐसा करने से अराजकता फैल जाएगी। अगर केंद्र के फैसले से किसी तरह की मुश्किल खड़ी हो रही हो, तभी इसे चुनौती दी जा सकती है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर के पास देश के अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है। 370 को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है। जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तब राज्यों में संघ की शक्तियों पर सीमाएं होती हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की यह दलील खारिज कर दी कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र ऐसा कोई फैसला नहीं ले सकता, जिसमें बदलाव न किया जा सके।