Facebook Row: अंखी दास ने की धमकी मिलने की शिकायत
Ankhi Das: तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि धमकियों और हिंसा को बढ़ावा देने वाले अब खुद कर रहे हैं पुलिस से शिकायत

नई दिल्ली। फेसबुक से जुड़े विवाद मामले में अब कंपनी की इंडिया पॉलिसी हेड अंखी दास ने दिल्ली पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर उन्हें जान से मारने और उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जा रही है। हालांकि, इस मामले में अभी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
दास ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उन्हें मिल रहीं धमकियां वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी रिपोर्ट से संबंध रखती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे अंखी दास ने बिजनेस कारणों का हवाला देते हुए बीजेपी से जुड़े कम से कम चार व्यक्तियों और समूहों द्वारा की जा रहीं घृणा फैलाने और हिंसा उकसाने वाली पोस्ट पर कार्रवाई का विरोध किया, जबकि फेसबुक की आंतरिक टीम ने कार्रवाई करने का निष्कर्ष निकाला था।
दास ने आगे अपनी शिकायत में कहा है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित आलेख को भारत में कई प्रकाशनों ने तोड़ मरोड़कर और उनके चरित्र का हनन करने के लहजे में दोबारा प्रकाशित किया है, जो बाद में सोशल मीडिया पर भी काफी शेयर हुआ है।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर घृणा की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। साथ ही पार्टी ने जेपीसी जांच की मांग की है। वहीं सूचना तकनीक पर संसद की स्थाई समिति ने कहा कि वह फेसबुक से पूछेगी कि आखिर बीजेपी से जुड़ी हेट स्पीच पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। समिति फेसबुक को तलब भी कर सकती है।
अंखी दास द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, “क्या किसी ने फेसबुक की इंडिया हेड द्वारा उन्हें मिल रहीं कथित धमकियों के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत का विरोधाभास देखा? उन्होंने एक ऐसी नीति का समर्थन किया जिसके जरिए सत्ताधारी दल के नेता खुले तौर पर फेसबुक पर गालियां और धमकियां देते रहे, हिंसा भड़काते रहे।”
Can anyone else see the deep irony in FB’s policy head filing an FIR for alleged violent threats when she supported a policy that let ruling party leaders threaten, abuse and instigate violence openly on FB?https://t.co/c04Ul0AM4Q via @IndianExpress
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 17, 2020
महुआ मोइत्रा सूचना एवं तकनीक पर संसद की स्थाई समिति की सदस्या हैं।
जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में फेसबुक के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के हवाले से बताया है कि अंखी दास का दखल फेसबुक द्वारा सत्ताधारी दल को लेकर किए जा रहे वृहद पक्षपात का हिस्सा है।
जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने फेसबुक पर बार-बार अल्पसंख्यको के खिलाफ हिंसा करने को लेकर पोस्ट डालीं। इन पोस्ट पर फेसबुक के स्टाफ ने कंपनी की ‘खतरनाक व्यक्ति और संगठन’ नीति के तहत कार्रवाई करने का निष्कर्ष निकाला। लेकिन फेसबुक की इंडिया पॉलिसी एग्जीक्यूटिव अंखी दास ने यह कहते हुए कार्रवाई का विरोध किया कि इससे भारत में कंपनी के बिजनेस पर नकारात्मक असर पड़ेगा। यूजर्स के मामले में भारत फेसबुक के लिए सबसे बड़ा बाजार है।
अंखी दास के दखल की बात को सत्यापित करते हुए फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने कहा कि दास ने राजनीतिक विवाद पैदा होने को लेकर चिंता जताई थी लेकिन बीजेपी विधायक टी राजा के फेसबुक को बनाए रखने के कंपनी के फैसले में अकेले उनके मत का योगदान नहीं था।