Farmers Protest: किसान फिर बातचीत के लिए तैयार, लेकिन क्या उनके मुद्दों पर बात करेगी सरकार
किसानों का कहना है कि वे 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार से फिर बात करने को तैयार हैं, लेकिन चर्चा तीनों क़ानूनों की वापसी के तरीक़े और MSP की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया पर होगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से आंदोलन कर रहे किसान एक बार फिर सरकार से बातचीत करने को तैयार हो गए हैं। उन्होंने बातचीत के लिए अपनी तरफ से मुद्दे भी पेश किए हैं। ये जानकारी स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव ने दी है। योगेंद्र यादव ने बताया है कि किसान सरकार से 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बात करने को तैयार हैं।
किसान सरकार से बातचीत के लिए तैयार तो हो गए हैं लेकिन असल पेंच वार्ता के उस एजेंडे में है, जो उन्होंने सरकार के सामने रखा है। योगेंद्र यादन के मुताबिक वार्ता का पहला मुद्दा तीनों कृषि कानूनों की वापसी का होगा। जिसके तहत चर्चा इस नजरिए से की जाएगी कि तीनों कानूनों की वापसी का तरीका क्या होना चाहिए। योगेंद्र यादव के मुताबिक किसान संगठन बातचीत का दूसरा मुद्दा एमएसपी की कानूनी गारंटी को बनाना चाहते हैं। वे सरकार से जानना चाहते हैं कि एमएसपी की कानून गारंटी देने की प्रक्रिया और उसे लागू करने की व्यवस्था क्या हो सकती है?
The first two points in our agenda for talks are- modalities to repeal the three farm laws, and mechanism & procedure to bring law for providing a legal guarantee on MSP (Minimum Support Price): Yogendra Yadav, Swaraj India https://t.co/vUBan9x4y5
— ANI (@ANI) December 26, 2020
अब देखना यह होगा कि सरकार किसानों के बातचीत के प्रस्ताव और वार्ता के लिए उनकी तरफ से रखे गए दो सूत्रीय एजेंडे का क्या जवाब देती है। अब तक सरकार का यही रुख रहा है कि वो किसानों से बातचीत करने को तैयार है, लेकिन कानून वापस नहीं होंगे। सरकार की तरफ से किसानों को लिखी गई अंतिम चिट्ठी में यह भी साफ किया जा चुका है कि वो एमएसपी की गारंटी के मुद्दे को वार्ता का हिस्सा बनाने के पक्ष में नहीं है। सरकार के मुताबिक तीनों कृषि कानूनों में एमएसपी का कोई जिक्र नहीं है, लिहाजा चर्चा में इस मुद्दे को शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है।
इन दो मुद्दों के अलावा किसानों की तरफ से दो और मुद्दों पर बात करने का प्रस्ताव भी दिया गया है। इनमें एक मुद्दा दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण घटाने के लिए आयोग की स्थापना करने वाले अध्यादेश के प्रावधानों में संशोधन का है। जबकि दूसरा मुद्दा किसानों के बिजली बिल से जुड़ा है। इन दोनों ही मुद्दों पर सरकार लचीला रुख अपनाने के संकेत दे चुकी है। लेकिन तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी के मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर सरकार अब तक अपने रुख से हिलती नज़र नहीं आ रही है।