Farmers Protest: किसान आंदोलन की तीसरी वर्षगांठ, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन शुरू

Farmers Protest in Chandigarh: क‍िसानों के दिल्ली चलो आंदोलन की तीसरी सालगिरह पर एक बार फ‍िर धरतीपुत्र लड़ाई के ल‍िए तैयार हैं। एमएसपी समेत अन्‍य मांगों पर दबाव बनाने के लिए चंडीगढ़ जाने से पहले किसान मोहाली में जमा हुए हैं।

Updated: Nov 26, 2023, 06:07 PM IST

चंडीगढ़। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन की तीसरी वर्षगांठ पर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अब चंडीगढ़ सीमा पर डेरा डाल दिया है। MSP की गारंटी और कर्जमाफी समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब में किसानों का 3 दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। अपनी मांगों को लेकर आज किसानों ने चंडीगढ़ मोहाली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं।

किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ अन्य राज्य सरकारों ने भी किसानों ने ऋण माफी का वादा किया था पर अभी तक यह मांग पूरी नहीं हुई है। इसलिए किसान 3 दिवसीय विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं। किसानों ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो आने वाले दिनों में वे और बड़ा आंदोलन कर सकते हैं, जिसकी तैयारी वो कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि विरोध के तौर पर चंडीगढ़ में किसान राजभवन मार्च करेंगे, साथ ही दिल्ली में आंदोलन तेज किया जाएगा।

किसानों ने कहा कि यह तीन दिनों का यह विरोध प्रदर्शन शुरूआत। इस पर सरकार की जो प्रतिक्रिया मिलेगी उसके हिसाब से आगे के विरोध की रणनीति तय की जाएगी। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा एक ऐसा किसान संगठन हैं जिसमें पंजाब समेत अन्य राज्यों के किसान संगठन शामिल हैं। किसानों की अन्य मांगों में एमएसपी की गारंटी और किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे को वापस लेना जैसी मांग शामिल है। साथ ही किसानों के लिए पेंशन की मांग भी की जा रही है।

प्रदर्शनकारी किसानों ने यह भी मांग रखी है कि पराली जलाने को लेकर जिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने इस आंदोलन को लेकर पहले ही कहा था कि बड़ी संख्या में किसान इस आंदोलन में भाग लेंगे राजभवन की तरफ मार्च करेंगे। हालांकि राजभवन मार्च की संभावना कम लगती है क्योंकि किसानों के आंदोलन को देखते हुए चंडीगढ़ मोहाली बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है।

इकट्ठे हुए किसानों ने अपने रहने के लिए शहर की ओर जाने वाली सड़कों पर अपने तंबू गाड़ दिए हैं। अपने वाहन, बड़े पैमाने पर ट्रैक्टर-ट्रेलर, पार्क कर दिए हैं। यहां तक कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भोजन परोसने के लिए अस्थायी रसोई भी स्थापित की। प्रदर्शनकारी किसान, जिनमें पुरुष और महिलाएं - युवा और बूढ़े ट्रैक्टर-ट्रेलर, कारों और मोटरसाइकिलों पर सवार स्कूल और कॉलेज के छात्र शामिल हैं।