Farooq Abdullah: पाकिस्तान पर बरसे फारुख अब्दुल्ला ने कहा हम किसी की कठपुतली नहीं

Article 370: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए संघर्ष करने वाली जम्मू कश्मीर की छह पार्टियों की प्रशंसा की थी

Updated: Aug 31, 2020, 07:04 AM IST

Photo Courtesy: Swaraj Express
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श्रीनगर। पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि वे किसी की कठपुतली नहीं है। अब्दुल्ला का यह बयान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर की छह राजनीतिक पार्टियों के अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए संयुक्त संघर्ष प्रण की प्रशंसा की थी।

इन छह पार्टियों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीएम, कांग्रेस, पीपल्स कांग्रेस और एनएनसी शामिल हैं। 22 अगस्त को इन पार्टियों ने कहा था कि वे गुपकर घोषणापत्र से बंधी हुई हैं और राज्य के दर्जे में किसी भी तरह का बदलाव उन्हें स्वीकार नहीं। ये सभी पार्टियां जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के भी खिलाफ हैं।

फारुख अब्दुल्ला ने कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है और अब अचानक से वे हमें पसंद करने लगे हैं। मैं बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि हम किसी की कठपुतली नहीं हैं। ना तो दिल्ली के और ना ही सीमा पार किसी के। हम सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं और उनके लिए काम करेंगे।"

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कुछ दिन पहले गुपकर घोषणा की प्रशंसा करते हुए कहा था नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और तीन अन्य पार्टियों द्वारा उठाया गया यह कदम कोई साधारण घटना नहीं है बल्कि एक जरूरी कदम है। 

पिछले सप्ताह इन छह पार्टियों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 की समाप्ति ने दिल्ली से राज्य के रिश्ते को पहचाने ना जाने वाली सूरत तक बदल दिया है। इन पार्टियों ने कहा था कि इस कदम ने जम्मू कश्मीर के लोगों से उनकी पहचान छीन ली है और हम अनुच्छेद 370 की बहाली एवं राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के खिलाफ संघर्ष करेंगे। 

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सीमा पार आतंकवाद को लेकर भी फारुख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान राज्य में हथियारबंद लोगों को भेजना बंद करे। हम अपने राज्य में खून खराबे को खत्म करना चाहते हैं। राज्य की सभी पार्टियां लोगों के अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें पांच अगस्त 2019 को असंवैधानिक रूप से छीन लिए गए हमारे अधिकार भी शामिल हैं।" अब्दुल्ला ने सबकी भलाई के लिए भारत और पाकिस्तान से संवाद को दोबारा शुरू करने की भी अपील की।