Shivajirao Patil Nilangekar: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम का निधन

पाटिल को पिछले दिनों सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, कोरोना संक्रमण की थी शिकायत

Updated: Aug 06, 2020, 06:11 AM IST

पुणे : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व दिग्गज कांग्रेस नेता शिवाजीराव पाटिल की मौत हो गई है। पाटिल बीते दिनों कोरोना संक्रमित पाए गए थे। पाटिल के निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है। कांग्रेस नेता ने 88 साल की उम्र में पुणे के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। पाटिल के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। 

शिवाजीराव पाटिल निलांगेकर को पिछले दिनों सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनकी कोरोना जांच हुई जिसमें वह संक्रमित पाए गए। इसके बाद वह अस्पताल में ही भर्ती थे जहां उनकी हालत स्थिर थी। हालांकि दो दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। बावजूद इसके उनकी अचानक हुई मौत ने सबको चौंका दिया है। फिलहाल उनके मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। 

कांग्रेस नेता के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'श्री शिवाजीराव पाटिल निलांगेकर जी महाराष्ट्र की राजनीति के पुरोधा थे। उन्होंने कर्मठता से राज्य की सेवा की। किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए उन्होंने विशेष तौर पर काम किया। उनके निधन से मैं दुखी हूं। उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।' 

 

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पाटिल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवाजीराव पाटिल निलांगेकर के निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। ॐ शांति।' वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि पाटिल जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत अफसोस हुआ। वे एक आदर्श और सज्जन राजनेता थे। परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएं। 

 

 

बता दें कि शिवाजीराव पाटिल कांग्रेस के कद्दावर नेता थे और उनकी जमीनी पकड़ काफी मजबूत थी। वह 3 जून 1985 से 6 मार्च 1986 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने साल 1968 में महाराष्ट्र एजुकेशन ट्रस्ट की स्थापना की थी। इस एजुकेशन सोसायटी के तहत उन्होंने चार कॉलेजों, 12 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और 15 प्राथमिक स्कूलों की स्थापना की थी। वहीं महाराष्ट्र फार्मेसी कॉलेज, निलंगा को भी साल 1984 में स्थापित किया था।