गूगल मैप बना जान का दुश्मन, गलत रास्ता दिखाकर ली तीन लोगों की जान

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के फरीदपुर क्षेत्र में गूगल मैप और प्रशासन की लापरवाही ने तीन लोगों की जान ले ली।

Updated: Nov 25, 2024, 06:18 PM IST

बरेली, उत्तर प्रदेश| बरेली जिले के फरीदपुर क्षेत्र में गूगल मैप और प्रशासन की लापरवाही ने तीन लोगों की जान ले ली। रामगंगा नदी पर अधूरे पुल से एक वैगनआर कार नदी में गिर गई, जिसमें सवार तीनों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा रविवार सुबह कोहरे के कारण हुआ, जब कार चालक को अधूरे पुल का रास्ता नजर नहीं आया और गूगल मैप ने उन्हें गलत दिशा में ले जाकर पुल पर चढ़ा दिया। हादसे में मरने वालों की पहचान मैनपुरी निवासी कौशल कुमार, फर्रुखाबाद निवासी विवेक कुमार, और अमित के रूप में हुई है।

जानकारी के अनुसार, तीनों युवक शादी समारोह में शामिल होने के बाद गाजियाबाद लौट रहे थे और जल्दी पहुंचने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया। हालांकि, खल्लपुर गांव के पास रामगंगा नदी पर बना यह पुल अधूरा है और इसके आगे का रास्ता नदी की ओर खुला हुआ है। पुल तक पहुंचने के रास्ते पर न कोई बैरिकेटिंग की गई थी और न ही कोई चेतावनी संकेतक लगाया गया था। कोहरे के कारण चालक को पुल की स्थिति समझ नहीं आई और कार सीधे नदी में गिर गई।

स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से शवों को बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि कार पूरी तरह चकनाचूर हो गई थी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और सेतु निगम को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि यदि पुल पर बैरिकेटिंग या संकेतक लगाए गए होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

रामगंगा नदी पर इस पुल का निर्माण 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय शुरू हुआ था और इसे 2018 तक पूरा किया जाना था। लेकिन सरकार बदलने के बाद निर्माण कार्य ठप हो गया। आज, आठ साल बाद भी यह पुल अधूरा है। नदी के बदले रुख के कारण पुल की एप्रोच रोड कट चुकी है और पुल का एक हिस्सा सीधे नदी की ओर खुला हुआ है। प्रशासन ने पुल पर चेतावनी के लिए एक दीवार बनाई थी, लेकिन ग्रामीणों ने इसे तोड़ दिया।

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स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे कई बार पुल की स्थिति को लेकर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। पुल के अधूरे निर्माण और सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण इस क्षेत्र में पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि हाइड्रोलिक स्टडी और इंजीनियरिंग रिपोर्ट के बाद तय किया जाएगा कि नदी का रुख बदला जाए या पुल का निर्माण आगे बढ़ाया जाए।

मृतकों के परिजनों ने प्रशासन और ठेकेदारों को इसका जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने इसे सीधी-सीधी प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा गूगल मैप की गलती से अधिक प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है, जिसने समय रहते पुल का निर्माण पूरा नहीं कराया और न ही इसे सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए।